अयोध्या विवाद: 420 का आरोपी है जमीन का मालिक हरीश पाठक, घर की हो चुकी है कुर्की
AajTak
बस्ती जिले के पठकापुर, बेलवा के रहने वाले हरीश पाठक अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं. 25 फरवरी 2009 में इन्होंने चंद्र प्रकाश दुबे और प्रताप नारायण के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग नाम से एक कंपनी खोली. इसमें लोगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
हरीश पाठक उर्फ हरिदास उर्फ बबलू पाठक उर्फ बकरी वाले बाबा. यही वह शख्स है जो अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट कराई गई जमीन के विवाद के साथ एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. दरअसल 18 मार्च को हरीश पाठक और इनकी पत्नी कुसुम पाठक ने ही रवि तिवारी और सुल्तान अंसारी को अपनी जमीन 2 करोड़ रुपये में बेची थी. जिसको खरीदने के 5 मिनट बाद ही सुल्तान अंसारी और रवि तिवारी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को यह जमीन साढ़े 18 करोड़ में बेच दी. यह पूरा प्रकरण तो आपको पता ही है लेकिन आज हम आपको बताते हैं अलग-अलग उपनामों वाले हरीश पाठक की पूरी कहानी है क्या? इसके पहले यह चर्चा में क्यों रहे थे? बस्ती जिले के पठकापुर, बेलवा के रहने वाले हरीश पाठक अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं. 25 फरवरी 2009 में इन्होंने चंद्र प्रकाश दुबे और प्रताप नारायण के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग नाम से एक कंपनी खोली. इसमें लोगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. ऑफर दिया गया कि एक यूनिट यानि एक बकरी खरीद लीजिये.गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?