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अमेरिका को वार्निंग! भारत से खुन्नस, इंटरनेशनल रिलेशन में बचकानी हरकतें क्यों कर रहा चीन
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चीन ने भारत से नाराजगी जताई है और अमेरिकी अधिकारियों को वार्निंग दी है. कूटनीति में धमकी की भाषा बोलने वाले चीन के ये तर्क तब कहां चले जाते हैं जब उसके फाइटर प्लेन गाहे-बगाहे ताइवान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं.
भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी चीन की आंखों की किरकिरी बनी रहती है. मंगलवार को भारत-अमेरिका और चीन के कूटनीतिक हलकों में दो ऐसी घटनाएं हुई जिससे ये पता चलता है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग इंडिया अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप को सहन नहीं कर पाते हैं.
बता दें कि उत्तराखंड के औली में चल रहे भारत-अमेरिका के संयुक्त युद्धाभ्यास का चीन ने विरोध किया है. बीजिंग ने कहा है कि वह उत्तराखंड में चल रहे भारत-अमेरिका के युद्ध अभ्यास का विरोध करता है. चीन के मुताबिक ये युद्धाभ्यास भारत और चीन के बीच हुए दो बॉर्डर समझौतों की भावनाओं के अनुकूल नहीं है.
यही नहीं चीन अमेरिका को भी धौंस देने से पीछे नहीं हट रहा है. चीन ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को कहा है कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में दखलअंदाजी नहीं करने की चेतावनी दी है. पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को भेजे एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन चाहता है कि बॉर्डर टेंशन की वजह से भारत अमेरिका के और ज्यादा नजदीक न आए. चीनी अफसरों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ चीन के संबंधों में हस्तक्षेप न करें.
ये चीन की चालाकी है या अपरिपक्वता
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में चीन की चाल हैरान कर देने वाली है. चीन विस्तारवादी नीति पर चलता है. ताइवान को धौंस दिखाता रहता है. दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. यही नहीं चीन ने जम्मू कश्मीर के अभिन्न हिस्से अक्साई चिन पर भी कब्जा कर रखा है. लेकिन भारत अपने हितों को देखते हुए अगर दुनिया की शक्तियों से अपने रिश्ते मजबूत करता है तो चीन तिलमिला जाता है. चीन के ये कदम बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसकी हरकतें कितनी अपरिपक्व है.
नेपाल में भारत के विरोध को नहीं मानता है चीन
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उन सभी वैश्विक नेताओं के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए Thank you लिखा जिन्होंने यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाई. बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में हुई इस तनावपूर्ण बैठक की शुरुआत तो ट्रंप के इस बयान से हुई थी कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिदूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, लेकिन जल्द ही यह बैठक ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस में बदल गई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की को बेवकूफ कहा और कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को $350 बिलियन की सहायता दी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों के बिना यूक्रेन हार जाता. जेलेंस्की ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. देखें Video.
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व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर तीखी बहस हुई. इस बैठक में ट्रंप ने जेलेंस्की को चेतावनी दी कि उनका रवैया तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है और उन्होंने युद्ध विराम की जरूरत पर बल दिया. देखें दोनों की बहस का वीडियो.
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ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल के दिनों में बढ़ती नजदीकियों को लेकर जेलेंस्की ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि वह बीच (ट्रंप) में रहें. मैं यह भी चाहता हूं कि वह हमारे पक्ष में रहें.' क्या शुक्रवार की तीखी बहस के बाद उनके और ट्रंप के रिश्ते सुधर सकते हैं? इस पर जेलेंस्की ने जवाब दिया, 'हां, बिल्कुल.'
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व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हुई मुलाकात में तीखी बहस देखने को मिली. ट्रंप ने जेलेंस्की को 'मूर्ख राष्ट्रपति' तक कह दिया और और युद्ध विराम पर दबाव डाला. साथ ही अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी गई 350 अरब डॉलर की मदद का भी जिक्र किया गया. देखें पूरा वीडियो.