
अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी रोजलिन कार्टर का 96 साल की उम्र में निधन, स्वास्थ्य मसलों पर काम करके बनाई थी पहचान
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अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला और पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की पत्नी रोजलिन कार्टर का रविवार को निधन हो गया है. वे 96 साल की थीं. उन्होंने दक्षिणी राज्य जॉर्जिया में अंतिम सांस ली. जिमी कार्टर को व्हाइट हाउस के बाद उनके काम के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता था.
अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला रोजलिन कार्टर का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. वे पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की पत्नी थीं. उन्होंने दक्षिणी राज्य जॉर्जिया में अंतिम सांस ली. वे मानसिक स्वास्थ्य, देखभाल और महिलाओं के अधिकारों को लेकर खासी सक्रिय रही हैं.
बता दें कि कार्टर दंपति ने दुनियाभर में मानवाधिकारों, लोकतंत्र और स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम किया और एक विनम्र छवि बनाए रखी. मई 2023 में कार्टर परिवार ने कहा था कि रोजलिन अस्वस्थ हैं. रविवार को एक बयान में कहा गया कि उनका निधन हो गया है. जिमी और रोजलिन कार्टर सबसे लंबे समय तक विवाहित रहने वाले राष्ट्रपति जोड़े थे. उनकी शादी 1946 में हुई थी. तब जिमी 21 वर्ष के थे और रोजलिन 18 वर्ष की थीं. 1981 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने सबसे ज्यादा समय तक व्हाइट हाउस में समय बिताया और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
जिमी कार्टर ने 2015 में बताया था, मैंने जो सबसे अच्छा काम किया वह रोजलिन से शादी करना था. यह मेरे जीवन का सबसे बेहतर काम है. उन्होंने कहा था, मैंने जो कुछ भी हासिल किया उसमें रोजलिन बराबर की हिस्सेदार थीं.मैं हमेशा से जानता था कि दुनिया में कोई मुझे प्यार करता है और मेरा समर्थन करता है. 1977 में वाशिंगटन आने से पहले रोजलिन को विनम्र और शांत व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता था, लेकिन बाद में वो एक शानदार वक्ता और सोशल वर्कर्स के रूप में चर्चित हुईं.
उन्होंने मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए काम किया. 1976 में जिमी कार्टर के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले रोजलिन जॉर्जिया के बाहर काफी हद तक अनजान थीं. उनके पति मूंगफली किसान से गवर्नर बने थे. 1978 में एक साक्षात्कार में कार्टर ने बताया था कि उन्होंने शीर्ष-गुप्त बातों को छोड़कर लगभग सब कुछ अपनी पत्नी के साथ साझा किया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वो अमेरिकी लोगों की चेतना और उनके रवैये को शायद मुझसे बेहतर समझती हैं.
प्रथम महिला को लैटिन अमेरिका के महत्वपूर्ण आधिकारिक मिशनों पर भी भेजा गया था और वो कानून के तहत महिलाओं के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अभियान का हिस्सा थीं.
मानसिक स्वास्थ्य के मसले पर रही रुचि

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