अमेठी और रायबरेली में नामांकन में दो दिन बचे, राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर अब तक सस्पेंस बरकरार
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अमेठी और रायबरेली में 26 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो तीन मई तक चलेगी. लेकिन कांग्रेस की ओर से अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. अमेठी लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में गांधी परिवार के सदस्य के नाम की घोषणा न होने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गौरीगंज में केंद्रीय कार्यालय में धरना शुरू कर दिया.
उत्तर प्रदेश के चर्चित लोकसभा क्षेत्र अमेठी और रायबरेली में नामांकन की अवधि खत्म होने में सिर्फ दो दिन का समय बचा हुआ है, लेकिन कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं है. पिछले कई दिनों से इसको लेकर अटकलें जारी है कि इन दोनों सीट से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी. वह केवल चुनाव प्रचार करेंगी.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना अमेठी लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में गांधी परिवार के सदस्य के नाम की घोषणा न होने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गौरीगंज में केंद्रीय कार्यालय में आज से धरना शुरू कर दिया. सूत्रों का कहना है कि पार्टी अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है और जल्द ही नामों की घोषणा कर दी जाएगी.
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26 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेठी और रायबरेली में 26 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो तीन मई तक चलेगी. लेकिन कांग्रेस की ओर से अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी से एक बार फिर उम्मीदवार घोषित किया है. स्मृति ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया. भाजपा ने रायबरेली से अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.
CEC की बैठक में उठा था मुद्दा सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ने पिछले दिनों पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में नेतृत्व से आग्रह किया था कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ना चाहिए, हालांकि इस पर कोई फैसला नहीं हुआ.
राहुल-प्रियंका से चुनाव लड़ने का आग्रह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अमेठी एवं रायबरेली के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों नेतृत्व से आग्रह किया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को इन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. उन्होंने दो दशक तक रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.
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