
अब खालिस्तानी पन्नू बोला- बहुत हुआ ट्रूडो का अपमान, बंद करो कनाडा में भारतीय दूतावास, फिर से रेफरेंडम कराने का किया ऐलान
AajTak
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 10 सितंबर को जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान SFJ ने कनाडा के सरे में जनमत संग्रह कराया था. इस दौरान पन्नू ने भारत विरोधी नारे भी लगाए थे. अब पन्नू के संगठन ने 29 अक्टूबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान जनमत संग्रह कराने का ऐलान किया है.
भारत में आयोजित G-20 समिट से लौटे कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की घर में लगातार आलोचना हो रही है. कनाडा में न सिर्फ विपक्ष बल्कि मीडिया भी भारत में जस्टिन ट्रूडो के अपमान का दावा कर रहा है. अब भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने भी भारत पर एम ट्रूडो का अपमान करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं SFJ ने कनाडा में भारतीय दूतावास को बंद करने की अपील की है.
SFJ ने कनाडा सरकार से राजधानी ओटावा में भारतीय दूतावास को बंद करने और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुलाने की अपील की है. एसएफजे ने कहा कि वह 29 अक्टूबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान जनमत संग्रह आयोजित करेगा.
पन्नू ने लगाए भारत विरोधी नारे
गुरपतवंत सिंह पन्नू की ये धमकी ऐसे वक्त पर आई, जब 10 सितंबर को जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान SFJ ने कनाडा के सरे में जनमत संग्रह कराया था. इस कार्यक्रम में 5000 से 7000 खालिस्तान समर्थक इकट्ठा हुए थे. इतना ही नहीं लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा पन्नू भी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था. उसने सभा को संबोधित करते हुए, भारत के टुकड़े करने की धमकी दी थी. उधर, भारत में जस्टिन ट्रूडो के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी और इनसे सख्ती से निपटने के लिए कहा था.
पन्नू कड़ी सुरक्षा में जनमत संग्रह के कार्यक्रम में पहुंचा था. यह कार्यक्रम सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था. यहीं पर इस साल जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
घर में घिरे जस्टिन ट्रूडो

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.