
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने का क्या है मतलब? जाने माने लेखक एड्रियन लेवी ने बताया
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उन्होंने कहा कि वहां पर पाकिस्तान आर्मी प्रमुख शक्ति को एकत्रित कर रहे हैं. सीमा पर काफी रणनीति चली गई. कई अलग अलग लोगों की राय हमसे जुदा होगी. लेकिन मेरा मानना है कि सेना प्रमुख शक्ति को इकट्ठा करना चाह रहे हैं. क्योंकि उनके पास सिर्फ अगले साल तक का समय है.
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने को लेकर जाने माने लेखक एड्रियन लेवी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में कहा कि वहां पर पाकिस्तान आर्मी प्रमुख शक्ति को एकत्रित कर रहे हैं. सीमा पर काफी रणनीति चली गई. कई अलग अलग लोगों की राय हमसे जुदा होगी. लेकिन मेरा मानना है कि सेना प्रमुख शक्ति को इकट्ठा करना चाह रहे हैं. क्योंकि उनके पास सिर्फ अगले साल तक का समय है. उसके बाद उन्हें ऑफिस छोड़ना होगा. नए आर्मी प्रमुख की नियुक्ति हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह आईएसआई की जीत नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी RAW के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर संवैधानिक सेट अप का है. एड्रियन लेवी जाने-माने लेखक और पत्रकार हैं. "One significant difference is the constitutional set-up": Journalist and author @AdrianMLevy on differences and similarities between RAW and Pakistan ISI Watch LIVE: https://t.co/6b756HWApr | @ShomaChaudhury pic.twitter.com/1EDNTPLvDX

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.