
अपने दोस्त पाकिस्तान से ही भिड़ गया तालिबान, देश के भीतर इमरान खान से लोग बोले- और दिलाओ मान्यता
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इमरान खान की सरकार जहां एक तरफ तालिबान की सरकार को मान्यता दिलाने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ, दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर तकरार की स्थिति है. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को सदन में घेरा है.
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से उसकी सरकार को मान्यता दिलाने के लिए सबसे ज्यादा कोशिशें पाकिस्तान की तरफ से ही हुई हैं लेकिन अब सीमा विवाद को लेकर दोनों आमने-सामने आ गए हैं. बुधवार को तालिबान ने सीमा पर पाकिस्तानी सेना को बाड़ा बनाने से रोका तो पाकिस्तान के सैनिकों ने गोलीबारी कर दी. अब पाकिस्तान के भीतर ही तालिबान को लेकर विदेश नीति पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.