
'अगर SCO सम्मेलन में की कोई हरकत, तो करेंगे बल प्रयोग', इमरान की पार्टी को पाकिस्तान सरकार की चेतावनी
AajTak
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि सरकार एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान इमरान खान की पार्टी पीटीआई कोई विरोध प्रदर्शन करती है तो उसे रोकने के लिए सरकार “पूरी ताकत” का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने अदालतों से भी मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया.
पाकिस्तान सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है. सरकार ने कहा है कि अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया तो फिर सख्ती से निपटा जाएगा और बल प्रयोग भी किया जाएगा.
पीटीआई की राजनीतिक समिति में इसके प्रमुख सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को राजधानी के डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. सरकार को चेतावनी देते हुए पीटीआई के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने कहा है कि अगर सरकार 72 वर्षीय इमरान खान को उनकी कानूनी टीम और एक डॉक्टर की सुविधा मुहैया नहीं कराती है तो फिर इस्लामाबाद के डी-चौक पर प्रदर्शन किया जाएगा.
पूरी ताकत का करेंगे इस्तेमाल- ख्वाजा आसिफ
पिछले हफ्ते ही पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने रावलपिंडी जेल में बंद इमरान खान के साथ सभी मुलाकातें रोक दी थीं. जेल प्रशासन ने इसके पीछे सुरक्षा का हवाला दिया था. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि सरकार एससीओ शिखर सम्मेलन के अवसर पर पीटीआई के नियोजित विरोध को रोकने के लिए “पूरी ताकत” का इस्तेमाल करेगी.
यह भी पढ़ें: 'जयशंकर की टिप्पणी में ही जवाब....', भारत के साथ रिश्तों और बातचीत पर बोला पाकिस्तान
सियालकोट में मीडिया से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, “15 अक्टूबर को विरोध का आह्वान देश की अखंडता पर हमला है. हम किसी को भी देश के सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देंगे. इस्लामाबाद पर आक्रमण को रोकने के लिए सरकार अपनी पूरी शक्ति और संसाधनों का इस्तेमाल करेगी.”

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.