अंडरवाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम और लाइफबॉय... महाकुंभ में सुरक्षा के लिए अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक!
AajTak
महाकुंभ 2025 में संगम नगरी प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी को सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैद हैं. अत्याधुनिक उपकरण जैसे अंडरवाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम और बैटरी से चलने वाले लाइफबॉय का इस्तेमाल किया जा रहा है. SDRF, NDRF और जल पुलिस को तैयात किया गया है.
प्रयागराज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं. इस बड़े आयोजन को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए SDRF, NDRF और जल पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. इन सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों से लैस किया गया है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के लिए अंडरवाटर ड्रोन और सोनार सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जल पुलिस संगम क्षेत्र के हर हिस्से पर कड़ी निगरानी रख रही है. लाइफबॉय और एफआरपी (फाइबर रेनफोर्स्ड प्लास्टिक) स्पीड मोटर बोट जैसी सुविधाएं किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने में मददगार हैं.
यहां देखें Video
SDRF की बोट पर बैटरी से संचालित लाइफबॉय (जीवन सेतु) का प्रदर्शन किया गया, जो डूबते हुए व्यक्ति को रिमोट कंट्रोल की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल सकता है. SDRF और NDRF के प्रशिक्षित जवान इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
SDRF के कमांडेंट सतीश कुमार ने बताया कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में सुरक्षा बलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. सरकार ने SDRF को पर्याप्त जनशक्ति और अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं. उनका लक्ष्य है कि महाकुंभ को शत-प्रतिशत इंसिडेंट फ्री बनाया जाए.
यह भी पढ़ें: महाकुंभ में 7 करोड़ से अधिक रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग, देखने के लिए जुट रही श्रद्धालुओं की भीड़
Sambhal DM in Premanand Maharaj Ashram: संभल जिले के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया का वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में हाजिरी लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. संत ने जिलाधिकारी को कर्तव्य का पाठ पढ़ाया. साथ ही निर्भीक और निष्पक्ष होकर प्रशासनिक कर्तव्यों के निर्वहन करने का मंत्र भी दिया.
अमरावती जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहापात्रा ने अपनी जिंदगी के संघर्षों और सफलता की कहानी साझा करते हुए समाज में बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया. आजतक से बातचीत में उन्होंने अपने बचपन के संघर्षपूर्ण दिनों को याद करते हुए कहा कि उनका जन्म एक ऐसे ग्रामीण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक स्थिति कमजोर थी. उनके जन्म पर परिवार के कुछ सदस्यों को बेटे की चाह थी, लेकिन उनके माता-पिता ने कभी उनके साथ भेदभाव नहीं किया.
अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों के बीच एक ऐसा पहाड़ छिपा है, जो देखने में बिल्कुल प्राचीन मिस्री पिरामिड जैसा लगता है. इसे लेकर कई हैरान करने वाली थ्योरीज सामने आई हैं, जिनमें से एक दावा करती है कि इस पिरामिडनुमा पहाड़ का निर्माण एलियंस ने किया है. आइए जानते हैं वैज्ञानिक इन दावों पर क्या कहते हैं और यह पहाड़ पिरामिड जैसा क्यों दिखता है?
महाकुंभ में आस्था और अध्यात्म का संगम देखने के लिए दुनियाभर से मीडिया आई है. दूसरी तरफ यूट्यूबर भी यहां अपनी रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे हुए हैं. कवरेज के दौरान कई यूट्यूबर को बाबा के गुस्से का सामना करना पड़ा, जिनका वीडियो वायरल हुआ. इसी कड़ी में एक बाबा का वीडियो , जिसमें वह एक यूट्यूबर को चिमटे से मारते हुए दिखाई दिए थे.