अंग्रेज वकील की गलती से Pakistan का हिस्सा बना Kartarpur, जानें क्या है कहानी
AajTak
करतारपुर साहिब सिखों के सबसे बड़े तीर्थों में से एक है. ये वही जगह है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपनी जिंदगी के साल गुजारे थे और यहीं उनकी समाधि भी है. यहां के दर्शऩ करना हर सिख की मुराद होती है जो अब पूरी हो रही है. करतारपुर साहब की कहानी, इसका इतिहास करीब 500 साल पुराना है. माना जाता है कि साल 1522 में गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी. कहा जाता है कि एक अंग्रेज वकील क्रिल रेडक्लिफ की गलती ने इसे भारत के बदले पाकिस्तान का हिस्सा बना दिया. क्रिल रेडक्लिफ ने बंटवारे के वक्त रावी नदी की धारा को ही बॉर्डर बना दिया था. करतारपुर गुरुद्वारा रावी के दूसरी तरफ था लिहाजा ये पाकिस्तान के हिस्से में चला गया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.