'अंग्रेजों की मदद की, गांधी-नेहरू-पटेल को धोखा दिया', यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पढ़ी सावरकर की चिट्ठी
AajTak
राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए सावरकर की अंग्रेजों को लिखी हुई चिट्ठी पढ़कर सुनाई. राहुल ने कहा कि सावरकर ने डर की वजह से अंग्रेजों से माफी मांगी, लेकिन गांधीजी, नेहरू और पटेल ने कभी ऐसा नहीं किया. सावरकर ने गांधी-नेहरू और पटेल को धोखा दिया.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आज राहुल गांधी ने मीडिया से बात की. इस दौरान राहुल गांधी ने सावरकर की अंग्रेजों को लिखी हुई चिट्ठी भी पढ़कर सुनाई. राहुल ने कहा कि सावरकर ने डर की वजह से अंग्रेजों से माफी मांगी, लेकिन गांधीजी, नेहरू और पटेल ने कभी ऐसा नहीं किया. राहुल गांधी ने सावरकर की चिट्ठी दिखाते हुए उसकी आखिरी लाइन भी पढ़ी. राहुल ने कहा सावरकर ने लिखा था, "सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं."
राहुल ने कहा कि अगर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस देखना चाहते हैं तो वो भी देख लें. सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी. मैं बहुत क्लियर हूं. इस दौरान राहुल ने कहा कि अगर सरकार को लग रहा है कि इस यात्रा से देश को नुकसान है तो उसे यात्रा रोकने की कोशिश करनी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस देश में एक ओर सावरकर और दूसरी ओर गांधी के विचारों की लड़ाई है. मेरी राय है कि सावरकर ने डर की वजह से चिट्ठी पर साइन किया तो वहीं नेहरू, पटेल गांधी सालों जेल में रहे, कोई चिट्ठी साइन नहीं की. सावरकर के चिट्ठी पर साइन करना हिंदुस्तान के सभी नेताओं के साथ धोखा था.
राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत करेंगे सावरकर के परिजन
वहीं राहुल गांधी द्वारा सावरकर की माफी वाली चिट्ठी दिखाई जाने पर विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि वीर सावरकर का "अपमान" किया गया. वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएंगे.
संसद में हमारा माइक बंद होता था: राहुल
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.