मध्य पूर्व में हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब मौजूदा परिस्थिति यह है कि इजरायल और ईरान के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोसाद जासूसी एजेंसी के प्रमुख समेत वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों का मानना है कि यमन में तेहरान के प्रॉक्सी ग्रुप पर हमला करने के बजाय ईरान पर सीधे हमला करना सही कदम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है. मोदी को मिले सम्मान की तुलना पाकिस्तानी नेताओं के साथ की जा रही है. अरब और इस्लामिक देशों की समिट में शाहबाज शरीफ की कोने में खड़े होने की तस्वीर याद दिलाई जा रही है. पाकिस्तान में चर्चा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के पीछे भारत का हाथ है. देखें
राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने के साथ ही सीरिया में दशकों की तानाशाही तो खत्म हो गई, लेकिन लोकतंत्र का रास्ता आसान नहीं. फिलहाल देश की लीडरशिप इस्लामिक गुट हयात तहरीर अल-शाम के पास है. यह एक चरमपंथी समूह है, जो किसी वक्त पर अलकायदा से जुड़ा रहा. इसी से अंदाजा लग सकता है कि सीरिया एक मुश्किल से बचकर दूसरी मुसीबत में जा सकता है. ऐसा कई और देशों के साथ हो चुका.
जर्मनी में ऐन त्योहार से पहले एक शख्स ने क्रिसमस बाजार में गाड़ी घुसा दी. हमले में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हैं. हमलावर सऊदी अरब से है. जर्मन मीडिया के मुताबिक, अटैकर ने कार किराए पर लेकर घटना को अंजाम दिया. ये लोन वुल्फ अटैक है, जिसमें अकेला शख्स आतंकी हमला करता है. अटैक अक्सर किसी विचारधारा से प्रेरित होता है.
भारत के बाद अमेरिका से भी कनाडा के रिश्ते बिगड़ते दिख रहे हैं. इस बीच जस्टिन ट्रूडो सरकार घरेलू मोर्चे पर भी घिरने लगी. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने उन्हें आगे सपोर्ट देने से हाथ खींच लिए हैं. दोहरी मार ये कि देश में बड़ी आबादी प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ हो रही है. एक सर्वे के मुताबिक, 73 फीसदी कनाडियन चाहते हैं कि ट्रूडो को इस्तीफा दे दें.
ऐतिहासिक कुवैत यात्रा समाप्त कर पीएम मोदी नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. पीएम ने अपनी इस यात्रा के दौरान आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, फिनटेक, एनर्जी, निवेश, व्यापार, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई द्विपक्षीय वार्ताएं कीं.
एलॉन मस्क ने सऊदी अरब के राजनीतिक टिप्पणीकार द्वारा किए गए X पोस्ट को शेयर किया. जिसमें ये आरोप लगाया गया है कि तालेब रेप के आरोप और गंभीर अपराधों में फंसने के बाद 2006 में सऊदी अरब से भाग गया था. दरअसल, 50 वर्षीय संदिग्ध सऊदी डॉक्टर तालेब ए को 2006 में जर्मनी ने शरण दी थी. तालेब को सनकी करार देते हुए मस्क ने कहा कि आरोपी को यूरोपीय देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी.