
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से क्यों मांगे 38,000 करोड़ रुपये?
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बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 38,000 करोड़ रुपये का तगादा किया है. यह मांग 1971 में दोनों देशों के अलग होने के समय की संयुक्त संपत्ति से बांग्लादेश के हिस्से और 1970 के चक्रवात में मिली मदद के लिए है. इसके अलावा, बांग्लादेश ने 3 लाख से अधिक फंसे हुए पाकिस्तानियों की वापसी का मुद्दा भी उठाया है, जो 1971 की जंग में पाकिस्तान का साथ देने के कारण बांग्लादेश में कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के परमाणु ठिकानों को 'ओबलिटेरटेड' यानी पूरी तरह तबाह करने का दावा किया था। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन जैसे प्रतिष्ठित अमेरिकी मीडिया संस्थानों ने पेंटागन की एक गुप्त रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत कम नुकसान हुआ है और यह सिर्फ कुछ महीने पीछे हुआ है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध टला. हेग में नाटो समिट के दौरान उन्होंने कहा कि मोदी को व्यापार और युद्ध के बीच विकल्प दिए थे, जिसके बाद तनाव खत्म हुआ. कांग्रेस नेताओं ने ट्रंप के इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है.

ब्रिटेन की ओर से यूक्रेन को दिए जा रहे ये ASRAAM मिसाइल हैं, जो पहले लड़ाकू विमानों से हवा में मार करने के लिए इस्तेमाल होती थीं. अब ब्रिटिश इंजीनियरों ने इन्हें जमीन से लॉन्च करने लायक बना दिया है. इन्हें RAVEN ग्राउंड बेस्ड एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए चलाया जाएगा, जिसे यूक्रेन को पहले ही दिया जा चुका है. जल्द ही ऐसे पांच और RAVEN सिस्टम यूक्रेन पहुंचाए जाएंगे, जिससे कुल संख्या 13 हो जाएगी.

पहले से ही कर्ज में डूबा पाकिस्तान फिर लेने जा रहा लोन, 350 मिलियन डॉलर के लिए ADB से किया एग्रीमेंट
9 जून को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था केवल 2.7 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि कर पाएगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सरप्राइजिंग सीजफायर ऐलान को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है. सीजफायर उल्लंघन के आरोपों के बाद अब शांति है. एक बड़े तूफान से पहले की खामोशी जैसा. क्योंकि, इस युद्ध से जिस नतीजे की आस इसके सभी पक्षों को थी, उनमें से किसी ने कुछ हांसिल नहीं हो पाया है. ऊपर से किसके पास कितनी ताकत है, उसे लेकर अब तक बंद रही मुट्ठी खुल चुकी है.