
'अगर शांति समझौते पर बात नहीं बनी तो...', ट्रंप के विदेश मंत्री ने पुतिन-जेलेंस्की को दे दिया अल्टीमेटम
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ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि व्हाइट हाउस में आने के बाद वे अपने पहले 24 घंटों के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे. लेकिन पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई तक कोई समझौता हो सकता है. अब उनके विदेश मंत्री का कहना है कि अगर शांति समझौते पर बात नहीं बनती तो ट्रंप इसकी कोशिशें छोड़ देंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इस बात के साफ संकेत नहीं मिलते कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौता हो सकता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ ही दिनों में रूस-यूक्रेन शांति समझौते की कोशिशों से पीछे हट जाएंगे.
रुबियो ने पेरिस में यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं से मुलाकात के बाद कहा, 'हम इस कोशिश को कई हफ्तों और महीनों तक जारी नहीं रखेंगे. इसलिए हमें अब बहुत जल्दी फैसला लेने की जरूरत है. और मैं कुछ ही दिनों की बात कर रहा हूं कि क्या यह अगले कुछ हफ्तों में संभव है या नहीं. अगर ऐसा है तो हम इसमें शामिल हैं. अगर ऐसा नहीं है, तो हमें अन्य प्राथमिकताओं पर भी फोकस करना होगा.'
रुबियो ने कहा कि ट्रंप अभी भी समझौते में रुचि रखते हैं, लेकिन यदि इसमें प्रगति के तत्काल संकेत नहीं मिलते तो वो समझौते से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.
24 घंटे के भीतर युद्ध रुकवाने का ट्रंप का वादा लेकिन अब तक जारी है युद्ध
ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि व्हाइट हाउस में आने के बाद वे अपने पहले 24 घंटों के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे. पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि इसमें मुश्किलें आएंगी और अप्रैल-मई तक कोई समझौता हो सकता है.
रूस-यूक्रेन के बीच फिलहाल ऊर्जा संघर्ष विराम समझौता ही हुआ है जिसके तहत दोनों पक्ष एक-दूसरे के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर 30 दिनों के लिए हमला रोकने के लिए राजी हुए हैं.

Defense Minister Rajnath Singh met with his Chinese counterpart. In this meeting, Rajnath Singh raised the issue of Pakistan-sponsored terrorism. He made it clear that India now has a single principle against terrorism. The Defense Minister also discussed border dispute issues with the Chinese Defense Minister. This was the first time that India's Defense Minister was on Chinese soil since the Galwan incident.

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