World Environment Day: किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए, 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी
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मार्च में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी जिन्होंने 27 देशों से होकर 100 दिनों की मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की थी. 5 जून यानी आज यात्रा का 75वां दिन है.
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि बीते आठ सालों में मिट्टी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है, लेकिन मीडिया का ध्यान इस ओर थोड़ा कम है. उन्होंने कहा कि स्वाइल हेल्थ कार्ड से किसानों को ये पता चलता है कि उसके खेत की मिट्टी कैसी है और इसमें कौन सी फसल उगाई जाए.
बता दें कि मिट्टी बचाओ अभियान की शुरुआत ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु वासुदेव ने की थी. ‘मिट्टी बचाओ अभियान’ के 22 मार्च को 50 दिन पूरे हुए थे. यात्रा शुरू करने के दौरान सद्गुरु ने कहा था कि 52 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पहले ही खराब हो चुकी है. दुनिया में मिट्टी के संकट पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. सद्गुरु ने अपनी यात्रा के दौरान प्रत्येक देश में राजनेताओं, मिट्टी के विशेषज्ञों, नागरिकों, मीडियाकर्मियों और प्रभावकारी व्यक्तियों से मुलाकात की है. सद्गुरु ने इन मुलाकातों के दौरान मिट्टी के संकट से निपटने की तत्काल आवश्यकता के बारे में जागरूक किया है.
6 दिनों पहले 26 देशों के बाद भारत पहुंची है सद्गुरु की मोटरसाइकिल यात्रा
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु की मिट्टी बचाओ अभियान के तहत मोटरसाइकिल यात्रा छह दिनों पहले भारत पहुंची. सद्गुरु की ‘मिट्टी के लिए यात्रा’ यूरोप, मध्य-एशिया और मध्य-पूर्व के बाद भारत के पश्चिमी तट पर पहुंची. सद्गुरु ओमान के सुल्तान काबूस बंदरगाह से तीन दिन में गुजरात में जामनगर बंदरगाह पहुंचे.
क्या है मिट्टी बचाओ अभियान का उद्देश्य
मिट्टी बचाओ अभियान का मुख्य मकसद हर देश पर नीतिगत सुधार के जरिये कृषि भूमि में कम से कम 3 से 6 प्रतिशत जैविक तत्व का होना जरूरी बनाए जाने के लिए दबाव डालना है. मृदा वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस न्यूनतम जैविक तत्व के बिना मिट्टी की मृत्यु निश्चित है. इस घटना को ‘मिट्टी का विलुप्त होना’ कहा जा रहा है.
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