Vastu Tips: घर के वास्तु दोष के कारण भी आपको हो सकता है डिप्रेशन, जानें इसे दूर करने के उपाय
Zee News
आज की भागती दौड़ती जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति तनाव का शिकार है. अगर तनाव बहुत अधिक बढ़ जाए तो यह डिप्रेशन का भी कारण बन सकता है. लिहाजा एक बार अपने घर में भी चेक कर लें कि कहीं इस डिप्रेशन का कारण कोई वास्तु दोष तो नहीं.
नई दिल्ली: इन दिनों तनाव और डिप्रेशन की समस्या सिर्फ वयस्कों में नहीं बल्कि छोटे-छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही है. कई बार तो तनाव (Stress) इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति डिप्रेशन () का शिकार हो जाता है. किसी को परीक्षा का तनाव है तो किसी को परीक्षा ठीक न जाने के कारण नतीजों को लेकर टेंशन और डिप्रेशन तो किसी को ऑफिस के काम की टेंशन है तो किसी को पर्सनल रिश्तों की वजह से डिप्रेशन की समस्या. डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से व्यक्ति के अंदर नेगेटिविटी (Negativity)हावी होने लगती है और जिंदगी पर इसका बुरा असर पड़ता है. हम आपको यहां बता रहे हैं किस तरह से घर के किसी वास्तु दोष के कारण भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. वास्तु शास्त्र () से जुड़े एक्सपर्ट् की मानें तो घर की पश्चिमी दिशा में उपस्थित वास्तु दोष के कारण व्यक्ति तनाव या डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. अगर डिप्रेशन से बचना है तो इस दिशा का वास्तु के अनुरूप होना बेहद जरूरी है. वास्तु के मुताबिक, पश्चिम दिशा (West) में ऐसी कोई भी गतिविधि करना मना है, जिसके तहत आपको बहुत ज्यादा वक्त यहां पर गुजारना पड़े. चूंकि वास्तु में पश्चिम दिशा में सोना मना है इसलिए इस दिशा में बेडरूम न बनाएं. पश्चिम दिशा में टॉयलेट और सीढ़ियों का निर्माण किया जा सकता है. इसके अलावा घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में भारी वस्तुओं को न रखें और घर को हमेशा साफ और स्वच्छ बनाए रखें.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.