USA-Russia के झगड़े में दुनिया कैसे बनती रही जंग का मैदान? देखें पूरा इतिहास
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यूक्रेन के बहाने एक बार फिर दुनिया की दो महाशक्तियां रूस और अमेरिका आमने सामने हैं.1945 में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इन देशों के बीच शीत युद्ध छिड़ा था, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा और कई देश इन दोनों के कोल्ड वॉर में फंसकर रह गए. दुनिया के सामने एक बार फिर वैसे ही हालात बनते दिख रहे हैं. 1945 में दूसरा विश्वयुद्ध तो शांत हो गया, लेकिन रूस अमेरिका के बीच बढ़ी तनातनी का नतीजा ही था कि कोरिया दो टुकड़ों में बंट गया. अमेरिकी और रूसी-चीनी सैनिकों के बीच कई साल तक चली लड़ाई के बाद 1953 में नॉर्थ और साउथ कोरिया बना. विवाद आजतक कायम है, किम जोंग के हथियारों की होड़ दुनिया देख रही है. एशिया में रौब दाब बढ़ाने के लिए 1960 के दशक की शुरुआत से पश्चिमी देश लगातार सैनिकों की तैनाती बढ़ाते गए. वियतनाम में ही 1 लाख 80 हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात हो गए थे. रूस-चीन के प्रभाव वाले उत्तरी वियतनाम के इलाकों में अमेरिकी मौजूदगी के खिलाफ बगावत शुरू हुई और देखते-देखते इसने वियतनाम युद्ध का रूप ले लिया. अगले कई साल तक वियतनाम दोनों गुटों की जंग का अखाड़ा बना रहा. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
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हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?