
UNSC के वीटो में कितनी 'पावर'... जानें- सुरक्षा परिषद में ताइवान की सीट चीन को कैसे मिली?
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चीन ने अब पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करने के प्रस्ताव को वीटो पावर का इस्तेमाल कर गिरा दिया है. इस प्रस्ताव को अमेरिका और भारत लेकर आए थे. चीन को ये वीटो पावर स्थायी सदस्य होने के नाते मिला है. लेकिन, सुरक्षा परिषद में ये सीट चीन की नहीं, बल्कि ताइवान की थी.
चीन ने एक बार फिर वही किया, जो वो हमेशा करता रहा है. यानी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वीटो पावर का इस्तेमाल. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी साजिद मीर को 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया था. साजिद मीर पाकिस्तान की सरजमीं से चलने वाले लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है. 2008 के मुंबई हमलों में भी उसकी भूमिका रही है.
ये प्रस्ताव भारत और अमेरिका की ओर से लाया गया था. लेकिन हमेशा की तरह चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान का साथ देते हुए 'वीटो' का इस्तेमाल किया और इस प्रस्ताव को गिरा दिया.
अगर चीन अड़ंगा न डालता और साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया जाता, तो फिर उसकी संपत्तियां जब्त हो जाती, यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता और तो और उसके लिए हथियार जुटा पाना मुश्किल हो जाता.
पिछले साल सितंबर में चीन ने साजिद मीर के खिलाफ लाए इस प्रस्ताव को 'होल्ड' करवा दिया था. लेकिन अब उसने इसे 'ब्लॉक' ही करवा दिया है.
साजिद मीर का नाम न सिर्फ भारत, बल्कि अमेरिका की भी मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में है. अमेरिका ने उसपर 50 लाख डॉलर का इनाम भी रखा है. पाकिस्तान साजिद मीर के मारे जाने का दावा करता है, लेकिन कभी उसकी मौत का सबूत नहीं दे पाया.
जब भी संयुक्त राष्ट्र में किसी आतंकी को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाया जाता है तो चीन हमेशा उसे 'वीटो' लगाकर गिरा देता है. पर ये वीटो इतना ताकतवर कैसे है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को गिरा देता है? और चीन को ये वीटो आखिर मिला कैसे? जानते हैं, लेकिन उससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को समझते हैं.

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