![Ukraine Russia Crisis: पुतिन के मन की वो बात जो पलटना चाहती है दुनिया का इतिहास!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202202/putin_russia-sixteen_nine.jpg)
Ukraine Russia Crisis: पुतिन के मन की वो बात जो पलटना चाहती है दुनिया का इतिहास!
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Russia Ukraine conflict: यूक्रेन के 2 अशांत क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता देकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने USSR के सपने को फिर से खाद-पानी दे दिया है. USSR का विघटन रूसी गणराज्य के इतिहास का वो अध्याय है जिसे पुतिन पलट देना चाहते हैं. पिछले 20 सालों से रूस की सत्ता का केंद्र रहे पुतिन के सैन्य और कूटनीतिक फैसलों में कहीं न कहीं इसकी छाप देखने को मिलती है.
खरी और दो टूक बात कहने वाले, स्टेट्समैन की छवि रखने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन USSR (Union soviet socialist republic of Russia) को लेकर अपनी नॉस्टेलजिया कभी नहीं छिपाते हैं. USSR का विघटन उनकी स्मृतियों में बसा अतीत का एक ऐसा विषाद है जिसे वो पलटकर रख देना चाहते हैं. पुतिन इसे बड़ी साफगोई और यकीन से कहते हैं. बिना छुपाये, बिना लजाये. 2018 में पुतिन पत्रकारों से सवाल ले रहे थे. इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे पूछा, "आप अपने देश के इतिहास में किस घटनाक्रम को पलट देना पसंद करेंगे." व्लादिमीर पुतिन मानो इस सवाल के लिए पहले से तैयार थे. उन्होंने फौरन 6 शब्दों से एक लाइन में कहा- The collapse of the Soviet Union. पुतिन कई मौकों पर कह चुके हैं कि अगर वह कर सकते तो USSR (सोवियत संघ) के विलय को उलट कर रख देते. तो क्या यूक्रेन का वर्तमान जिओ-पॉलिटिक्स पुतिन के इसी Conviction का नतीजा है?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.