
Ukraine Crisis: रूस को क्यों धमका रहा है अमेरिका? यूक्रेन प्रेम के पीछे ये कहानी!
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सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन ईंधन की आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर रहते आया है. हालांकि यूक्रेन पिछले कुछ सालों खासकर 2014 के क्रीमिया मामले के बाद रूस पर निर्भरता कम करने का प्रयास कर रहा है. इस कमी की भरपाई अमेरिकी तेल से हो रही है.
यूक्रेन को लेकर मचे घमासान (Ukraine Crisis) के बीच रूस (Russia) ने मंगलवार को सीमा से कुछ सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया. रूस के इस फैसले से पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में जंग का खतरा कुछ नरम तो पड़ा है, लेकिन अभी भी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है. अमेरिका (US) ने रूस के ऐलान से पहले मंगलवार को यह मसला बातचीत से सुलझाने की बात दोहराई. यहां तक कि अमेरिका ने यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में रूस को गंभीर खामियाजा भुगतने की धमकी भी दी. इन घटनाक्रमों के बीच हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर अमेरिका यूक्रेन के पक्ष में इतनी मजबूती से क्यों खड़ा है? दरअसल यूक्रेन के मसले पर अमेरिकी स्टैंड के राजनीतिक और सामरिक मायने तो हैं ही, इसके पीछे आर्थिक पहलुओं की भी कमी नहीं है.

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.