Survey: आज ताजपोशी... जानिए भारत के लिए ट्रंप सही हैं या नहीं? 84% लोगों ने कह दी ये बात
AajTak
Survey on Donald Trump: अधिकतर जानकारों का कहना है कि ट्रंप का आना भारत के लिए अच्छा रह सकता है. वहीं कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि ट्रंप की नीतियां भारत को प्रभावित कर सकती हैं.
वो तारीख आ गई है, 20 जनवरी 2025. इस तारीख का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, क्योंकि दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद का शपथ लेंगे डोनाल्ड ट्रंप. दुनियाभर की निगाहें ट्रप के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं. भारत के लिए ट्रंप का अमेरिकी सत्ता में वापस आना अहम माना जा रहा है. शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका में हैं. इसके अलावा भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अपनी पत्नी नीता अंबानी के साथ मेहमान बनकर कार्यक्रम में पहुंचे हैं.
भारत के लिए कैसे साबित होंगे ट्रंप?
अधिकतर जानकारों का कहना है कि ट्रंप का आना भारत के लिए अच्छा रह सकता है. वहीं कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि ट्रंप की नीतियां भारत को प्रभावित कर सकती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वापसी दुनिया में शांति लाने के साथ ही भारत और अमेरिका के बेहतर संबंधों की वजह बन सकती है. ये दावा एक ग्लोबल सर्वे (Global Survey) में किया गया है, जिसे यूरोपीय थिंक-टैंक 'यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' यानी ECFR ने किया है.
इस सर्वे में कहा गया है कि भारत समेत कई देशों के लोग ट्रंप की दूसरी पारी को लेकर सकारात्मक हैं. इस सर्वे में भारत को ट्रंप वेलकमर्स सेगमेंट में रखा गया है जिसका मतलब है कि भारतीयों का मानना है कि ट्रंप 2.0 न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे.
सर्वे के मुताबिक भारत में 82 फीसदी लोगों का मानना है कि ट्रंप की वापसी दुनिया में शांति कायम करने के लिए अच्छी बात होगी. 84 परसेंट लोग इसे भारत के लिहाज से फायदेमंद मानते हैं. वहीं 85 फीसदी का मानना है कि ये अमेरिकी नागरिकों के लिए फायदेमंद होगी.
इन देशों के लोग ट्रंप को मानते अपने!
डोनाल्ड ट्रंप का जीवन हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. अपने तेजतर्रार व्यक्तित्व, विवादास्पद बयान और असाधारण उपलब्धियों के चलते उन्होंने राजनीति और व्यापार की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई. अब जब वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर दोबारा शपथ लेने की ओर बढ़ रहे हैं, उनका जीवन सफर एक बार फिर सुर्खियों में है. आइये तस्वीरों में देखिए उनका ये सफर.
Sambhal DM in Premanand Maharaj Ashram: संभल जिले के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया का वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में हाजिरी लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. संत ने जिलाधिकारी को कर्तव्य का पाठ पढ़ाया. साथ ही निर्भीक और निष्पक्ष होकर प्रशासनिक कर्तव्यों के निर्वहन करने का मंत्र भी दिया.
अमरावती जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहापात्रा ने अपनी जिंदगी के संघर्षों और सफलता की कहानी साझा करते हुए समाज में बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया. आजतक से बातचीत में उन्होंने अपने बचपन के संघर्षपूर्ण दिनों को याद करते हुए कहा कि उनका जन्म एक ऐसे ग्रामीण परिवार में हुआ, जहां आर्थिक स्थिति कमजोर थी. उनके जन्म पर परिवार के कुछ सदस्यों को बेटे की चाह थी, लेकिन उनके माता-पिता ने कभी उनके साथ भेदभाव नहीं किया.
अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों के बीच एक ऐसा पहाड़ छिपा है, जो देखने में बिल्कुल प्राचीन मिस्री पिरामिड जैसा लगता है. इसे लेकर कई हैरान करने वाली थ्योरीज सामने आई हैं, जिनमें से एक दावा करती है कि इस पिरामिडनुमा पहाड़ का निर्माण एलियंस ने किया है. आइए जानते हैं वैज्ञानिक इन दावों पर क्या कहते हैं और यह पहाड़ पिरामिड जैसा क्यों दिखता है?