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Sri Lanka Economic Crisis: कैसे सोने की लंका को चार राजपक्षे ब्रदर्स ने किया कंगाल?
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Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका की गंभीर आर्थिक स्थिति के लिए लोग और विपक्ष राजपक्षे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया है. लोगों में सरकार की खराब आर्थिक नीतियों के प्रति गुस्सा भरा है.
श्रीलंका में बेकाबू होती महंगाई और सामानों की किल्लत से गुस्साए लोगों ने गुरुवार देर रात राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन और आगजनी की. लोग राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके आवास पर चढ़ने की कोशिश करने लगे. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ये प्रदर्शन हिंसक हो गया और एक व्यक्ति के बुरी तरह घायल होने की खबर है. लोग राजपक्षे सरकार से बेहद नाराज हैं. श्रीलंका की सत्ता के शिखर पर दशकों से राजपक्षे परिवार का राज है. राजपक्षे परिवार के चार भाई श्रीलंका की सत्ता पर राज कर रहे हैं जिन पर आरोप लगते हैं कि वो निरंकुश शासक बन बैठे हैं और उन्होंने मिलकर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.
राजपक्षे परिवार की नीतियों और निरंकुशता के कारण बर्बाद हुआ श्रीलंका?
राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका की क्षेत्रीय राजनीति से अपनी शुरुआत की थी. साल 2005 में महिंदा राजपक्षे देश के राष्ट्रपति चुने गए. इसके बाद राजपक्षे परिवार के लोग सत्ता के महत्पपूर्ण पदों पर काबिज हो गए. महिंदा राजपक्षे ने अपने छोटे भाई और तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को डिफेंस सेक्रेट्री नियुक्त कर दिया. उन्होंने अपने एक और छोटे भाई बासिल राजपक्षे को राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया.
साल 2010 में वो फिर से राष्ट्रपति चुने गए. सबसे बड़े भाई चमल राजपक्षे को भी सत्ता में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया और वो कई बार मंत्री रहे. इसे लेकर राजपक्षे परिवार पर परिवारवाद, निरंकुशता और सरकारी संसाधनों के गलत इस्तेमाल के आरोप लगने लगे. एक वक्त कहा जाने लगा कि राजपक्षे परिवार देश की 70 फीसद बजट पर प्रत्यक्ष नियंत्रण रखता है.
इन्हीं आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच साल 2015 का राष्ट्रपति चुनाव महिंदा राजपक्षे हार गए. लेकिन साल 2019 में फिर से राजपक्षे परिवार श्रीलंका के सबसे बड़े पद पर काबिज हुआ. इस बार महिंदा राजपक्षे के भाई गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति चुने गए. उनके सत्ता में आते ही भाई महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री चुन लिए गए.
गोटाबाया के भाई बासिल राजपक्षे फिलहाल श्रीलंका के वित्त मंत्री हैं और चमल राजपक्षे कृषि मंत्री हैं. चमल साल 1989 से ही श्रीलंका के सांसद हैं. महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे श्रीलंका के युवा और खेल मंत्री हैं. राजपक्षे परिवार से लगभग 7 लोग श्रीलंका की सत्ता के शीर्ष पदों पर काबिज हैं, जिसे लेकर विपक्ष सहित लोगों में भी गुस्सा भरा है.
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