
Sri Lanka crisis: मुश्किल दौर में श्रीलंका की लगातार मदद कर रहा भारत, अब भेजी केरोसिन की खेप
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1948 में आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. श्रीलंका के विदेशी भंडार की कमी के कारण ईंधन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लंबी कतारें लगी हैं, जबकि बिजली कटौती और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान कर दिया है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत की ओर से लगातार मदद भेजी जा रही है. शनिवार को भारत सरकार की ओर से श्रीलंका को 15 हजार लीटर मिट्टी का तेल (kerosene) भेजा गया है. बताया जा रहा है कि मिट्टी के तेल के जरिए तमिल बहुल जाफना शहर में रहने वाले करीब 700 मछुआरों की मदद हो सकेगी. इससे पहले भारत की ओर से श्रीलंका को 40 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल भेजा गया था.
हाल के दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट के बाद आयात के भुगतान के लिए श्रीलंका संघर्ष कर रहा है. इसे देखते हुए भारत ने ईंधन आयात करने में मदद करने के लिए पिछले महीने श्रीलंका को अतिरिक्त 500 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन का विस्तार किया था.
मिट्टी के तेल मिलने के बाद जाफना में भारत के महावाणिज्य दूतावास (Consulate General of India) ने अपने एक ट्वीट में कहा कि भारत की ओर से श्रीलंका को लगातार मदद मिल रही है. डेल्फ़्ट, नैनातिवु, एलुवैतिवु और एनालिटिवु के 700 मछुआरों के बीच 15 हजार लीटर केरोसिन का वितरण भी शुरू कर दिया गया है. मिट्टी के तेल से द्वीपों के बीच नौका सेवा को मदद मिलेगी.
शुक्रवार को भारत ने 25 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी थी
भारत ने शुक्रवार को श्रीलंका को अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत 7 लाख अमरीकी डालर से अधिक की 25 टन चिकित्सा आपूर्ति सौंपी थी. इससे पहले सोमवार को भारत की ओर से 40-40 मीट्रिक टन डीजल और पेट्रोल की मदद दी जा चुकी है.
इसके अलावा पिछले हफ्ते भारत ने श्रीलंका को 9,000 मीट्रिक टन चावल, 200 मीट्रिक टन दूध पाउडर और 24 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाओं के साथ 45 करोड़ रुपये की राहत सामग्री भेजी थी.

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