Somwati Amavasya Vrat katha: सोमवती अमावस्या पर सुनें ये खास कथा, होगी हर मनोकामना पूरी
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Somwati Amavasya Vrat katha 2023: सोमवती अमावस्या 17 जुलाई याली आज मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखा जाता है. साथ ही यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है इसलिए यह अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण हो गई है. सोमवती अमावस्या के व्रत की कथा सुनी जाए तो जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है.
Somwati Amavasya Vrat katha in Hindi: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या बेहद खास मानी जाती है. सोमवती अमावस्या 17 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. मान्यता के अनुसार, आज के दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है या पितरों का तर्पण करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन स्नान दान का भी महत्व होता है. कहते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन व्रत कथा सुनना बेहद शुभ माना जाता है. आइए सुनते हैं सोमवती अमावस्या की खास कथा.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somwati Amavasya Vrat katha)
कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था. परिवार में पति-पत्नी और उनकी एक पुत्री थी. आयु के अनुसार, पुत्री धीरे-धीरे बड़ी होने लगी. बढ़ती उम्र के साथ उसमें स्त्रियों के गुणों का भी विकास होने लगा. वह बहुत ही सुंदर, सुशील और सर्वगुण सम्पन्न थी. लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था. एक दिन उस ब्राह्मण के घर एक साधु महाराज पधारें. कन्या की सेवा से साधु महाराज का मन बहुत प्रसन्न हुआ. उन्होंने कन्या को लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया और कहा कि इस कन्या के हथेली में विवाह का योग नहीं है.
इस बात से चिंतित होकर ब्राह्मण परिवार ने साधु से उपाय पूछा, कि कन्या ऐसा क्या करें कि उसके हाथ में विवाह योग बन जाए. साधु ने कुछ देर विचार करने के बाद अपने ध्यान के आधार पर बताया कि कुछ दूरी पर एक गांव में सोना नाम की धोबिन जाति की एक महिला अपने बेटे और बहू के साथ रहती है, जो बहुत ही संस्कारों से संपन्न तथा पति परायण और निष्ठावान है. यदि ये कन्या उसकी सेवा करे तो इसके बुरे योग मिट सकते हैं.
साधु ने ये भी कहा कि वह महिला कहीं आती-जाती नहीं है. ये बात सुनकर ब्राह्मणी ने अपनी बेटी से धोबिन की सेवा करने की बात कही. अगल दिन कन्या प्रात: काल ही उठ कर सोना धोबिन के घर चली गई और वहां साफ-सफाई और अन्य सारे कार्य करके अपने घर वापस आ जाती थी. एक दिन सोना धोबिन अपनी बहू से पूछती है कि- तुम तो सुबह ही उठकर सारे काम कर लेती हो और पता भी नहीं चलता. बहू ने कहा- मां जी, मैंने तो सोचा कि आप ही सुबह उठकर सारे काम खुद ही खत्म कर लेती हैं. मैं तो देर से उठती हूं. इस पर दोनों सास-बहू निगरानी करने लगी कि कौन है जो सुबह ही घर का सारा काम करके चला जाता है. कई दिनों के बाद धोबिन ने देखा कि एक कन्या अंधेरे घर में आती है और सारे काम करने के बाद चली जाती है. जब वह जाने लगी तो सोना धोबिन उसके पैरों पर गिर पड़ी, पूछने लगी कि आप कौन है और इस तरह छुपकर मेरे घर में आकर क्यों काम करती हैं?
तब कन्या ने साधु द्बारा कही गई सारी बात बताई. सोना धोबिन पति परायण थी, उसमें तेज था. वह इस बात के लिए मान गई. सोना धोबिन के पति थोड़ा अस्वस्थ थे. उसने अपनी बहू से अपने लौट आने तक घर पर ही रहने को कहा.
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