
Shark Tank India: अमन गुप्ता Vs अशनीर ग्रोवर, कौन जज है सबसे अमीर?
AajTak
पिछले साल दिसंबर में शुरू होने के बाद यह शो विभिन्न कारणों से लगातार खबरों में रहा है. कभी किसी शार्क यानी जज की टिप्पणी सुर्खियां बनीं तो कभी किसी स्टार्टअप की कहानी लोगों के दिलों को छू गई. इसके साथ ही लोग यह जानने के लिए भी उत्सुक होने लगे कि आखिर इन 7 जजों के पास कितनी दौलत है. इस स्टोरी में आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि किस शार्क के पास सबसे ज्यादा दौलत है.
स्टार्टअप बेस्ड रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) का पहला सीजन सक्सेसफुली समाप्त हो चुका है. इस सीजन के कुल 35 एपिसोड में 67 स्टार्टअप को 5.7 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. पिछले साल दिसंबर में शुरू होने के बाद यह शो विभिन्न कारणों से लगातार खबरों में रहा है. कभी किसी शार्क यानी जज की टिप्पणी सुर्खियां बनीं तो कभी किसी स्टार्टअप की कहानी लोगों के दिलों को छू गई. इसके साथ ही लोग यह जानने के लिए भी उत्सुक होने लगे कि आखिर इन 7 जजों के पास कितनी दौलत है. इस स्टोरी में आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि किस शार्क के पास सबसे ज्यादा दौलत है.
अमन गुप्ता (Aman Gupta): नेटवर्थ के मामले में अमन गुप्ता बाकी जजों से आगे हैं. अमन इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड बोट (boAt) के को-फाउंडर एवं चीफ मार्केटिंग ऑफिसर हैं. 2015 में शुरू हुई ये कंपनी हेडफोन, ईयरफोन, चार्जर आदि बनाती है. इसके अलावा अमन के पास शिपरॉकेट, बमर, 10क्लब जैसे स्टार्टअप में भी हिस्सेदारी है. इस तरह उनका टोटल नेटवर्थ 93 मिलियन डॉलर का हो जाता है.
अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover): शार्क टैंक इंडिया के पहले सीजन में सबसे ज्यादा सुर्खियां अशनीर के ही खाते में आई. एक तरफ वे अपने गुस्सैल रवैये से शो पर चर्चा बटोर रहे थे, दूसरी ओर अपनी ही कंपनी में गड़बडियां करने के आरोपों ने भी उन्हें खबरों में बनाए रखा. अशनीर फिनटेक स्टार्टअप भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर हैं. अशनीर के पास करीब 90 मिलियन डॉलर की दौलत है. अभी उनके ऊपर अपनी ही कंपनी से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है.

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.