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SCO समिट से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, इस्लामाबाद में हाई अलर्ट
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इस्लामाबाद में एससीओ सम्मेलन से पहले सख्त सुरक्षा लागू की गई है. सोमवार से तीन दिन के लिए स्कूलों और दफ्तरों में छुट्टी घोषित कर दी गई है और बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कल पाकिस्तान जाएंगे, जहां वह समिट में हिस्सा लेंगे.
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार और बुधवार को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन से पहले सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है. पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार से तीन दिनों के लिए छुट्टी का ऐलान कर दिया है. इस दौरान स्कूल और बिजनेस बंद रहेंगे. इनके अलावा शहरभर में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं.
एससीओ या शंघाई सहयोग संगठन को 2001 में सेंट्रल एशिया में सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा करने के लिए स्थापित किया गया था. इस संगठन में अब 9 देश हैं, जिनमें चीन, भारत, रूस और ईरान जैसे देश शामिल हैं. संगठन के वार्षिक समिट के लिए कई मुल्कों के प्रतिनिधि पाकिस्तान पहुंच गए हैं, जिनमें चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग भी शामिल हैं. उनके पहुंचने पर शहबाज शरीफ ने उनका स्वागत किया और उनके लिए खास व्यवस्थाएं की हैं.
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विदेश मंत्री जयशंकर भी एससीओ समिट में करेंगे शिरकत
एससीओ समिट में चीन, रूस, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री, ईरान के उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मंत्री शामिल होंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को ही पाकिस्तान जाएंगे, जहां वह एससीओ समिट में हिस्सा लेंगे और अन्य पाकिस्तानी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. भारत का स्टैंड क्लियर है, जो चाहता है कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए, और माना जा रहा है कि विदेश मंत्री के एजेंडे में यह मुद्दा अहम होगा.
समिट क्षेत्र को रेड जोन घोषित किया गया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.