
Russia Ukraine War: 'हमारे पास हथियार होते तो...', युद्ध के बीच जेलेंस्की ने बयां किया दर्द
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Russia Ukraine War: यूक्रेन में जारी जंग के बीच जेलेंस्की ने कहा है कि अगर हमारे पास वे हथियार होते जिनकी हमें जरूरत है, तो हम ये युद्ध पहले ही खत्म कर चुके होते.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब और भी भीषण रूप लेती नजर आ रही है. रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर बम और मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं. वहीं, कीव के क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख एंड्री नेबिटोव ने कहा है कि रूसी हमलों में क्षेत्र के एक हजार से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं. इन सबके बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फिर से हथियारों की मांग की है.
जेलेंस्की ने कहा है कि अगर हमारे पास वे हथियार होते जिनकी हमें जरूरत है तो हम ये युद्ध काफी पहले समाप्त कर चुके होते. उन्होंने सहयोगियों से हथियार उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए कहा कि यह उचित नहीं है कि हमें अब भी ये पूछने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि सहयोगी देश इतने साल से क्या स्टोर कर रहे थे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि रूसी सेना ने इस युद्ध में खुद को इतिहास की सबसे बर्बर और अमानवीय सेना के रूप में दर्ज कर लेगी. उन्होंने कहा कि नागरिकों को जानबूझकर मारना, आवासीय परिसरों और नागरिकों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करना, हर तरह के प्रतिबंधित हथियारों का उपयोग किया जाना रूसी सेना की बर्बरता की गवाही देते हैं. दूसरी तरफ, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने पुतिन को युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार बताया है.
जर्मन चांसलर ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखने का ऐलान किया और साथ ही ये भी कहा कि जर्मनी की हथियार देने की क्षमता अब लगभग समाप्त हो गई है. हमारी सरकार इसके लिए हथियार निर्माताओं के साथ मिलकर काम करेगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि यूक्रेन के सैनिकों को वे हथियार दिए जाएं, जिनके उपयोग वे करते रहे हैं. जर्मन चांसलर ने ये भी साफ किया कि NATO, यूक्रेन युद्ध में सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा.
लुहांस्क में भीषण संघर्ष जारी
लुहांस्क में रूस और यूक्रेन के बीच भीषण संघर्ष जारी है. लुहांस्क ओब्लास्ट के गवर्नर ने कहा है कि लगातार हो रही गोलाबारी के बीच आम नागरिकों को निकालने का सिलसिला भी जारी है. रूस ने क्रेमिन्ना शहर पर भी हाल ही में कब्जा कर लिया था. अब इस शहर से लोगों को निकालने का अभियान ठप पड़ गया है. यूक्रेन की ओर से युद्धग्रस्त मारियूपोल शहर से आम नागरिकों को निकालने के लिए ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर बनाने की मांग भी दुनियाभर के नेताओं से की गई है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.