
Russia-Ukraine War: यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं, एक और छोटे से देश ने रूस की नाक में कर दिया दम
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रूस यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस बीच एक देश लिथुआनिया ने रूस को परेशान कर रखा है. ये देश यश में यूक्रेन की मदद कर रहा है.
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के लगभग दो महीने होने को हैं. दोनों देशों के बीच जंग का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है. दूसरी ओर जंग है कि रुकने का नाम नहीं ले रही है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला तेज करता जा रहा है तो वहीं यूक्रेन भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस बीच एक ऐसा देश भी है जो रूस को लगातार आंखे दिखा रहा है. ये देश रूस को लगातार चिढ़ा रहा है. इस देश का नाम लिथुआनिया है. यूं तो ये देश रूस की तुलना में कुछ भी नहीं है, बावजूद लिथुआनिया ने रूस के नाक में दम कर रखा है. लिथुआनिया बेलारूस का पड़ोसी देश है. ये देश इस युद्ध में लगातार यूक्रेन की मदद कर रहा है.
लिथुआनिया ने हाल ही में यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजी है. इसने भारी मोर्टार के अलावा हथियारों में स्टिंगर मिसाइल सिस्टम, वायु रक्षा और टैंक रोधी हथियार, ग्रेनेड, मशीन गन, सबमशीन गन, संचार उपकरण यूक्रेन को दिए हैं. इन हथियारों से यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल रही है. बावजूद इसके रूस लिथुआनिया के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा पा रहा है. इसकी खास वजह यह है कि अगर रूस लिथुआनिया के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई करता है तो नाटो के बाकी देश लिथुआनिया के साथ खड़े हो जाएंगे. क्योंकि लिथुआनिया नोटो देशों में शामिल है. नाटो में कुल 30 देश शामिल हैं. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि अगर रूस नाटो के किसी भी देश के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो रूस को इसके बदले भयंकर अंजाम भुगतने होंगे.
लिथुआनिया ने रूस पर लगाए कई तरह के प्रतिबंध लिथुआनिया ने रूसी गैस आयात समाप्त कर दिया है. लिथुआनिया ने रूस पर अपनी ऊर्जा निर्भरता समाप्त करने के लिए खुद को मॉस्को से गैस आयात से पूरी तरह से अलग कर लिया है. लिथुआनिया के राष्ट्रपति गितानस नौसेदा ने अन्य यूरोपीय देशों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है. लिथुआनिया ने रूसी राजदूत को देश छोड़ने को भी कह दिया था. इसके अलावा लिथुआनिया की संसद ने "Z" प्रतीक जो कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के समर्थन के रूप में देखा जा रहा था इसके भी सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगा दिया है.
लिथुआनिया के राष्ट्रपति ने स्वीडन और फिनलैंड से नाटो में शामिल होने का आग्रह किया है. इन देशों की उपस्थिति बाल्टिक क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ाएगी और संगठन को मजबूत करेगी. लिथुआनिया के राष्ट्रपति ने फिनलैंड, स्वीडन से बिना देर किए नाटो में शामिल होने का आग्रह किया.

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