
Russia-Ukraine War: बिना ट्रेनिंग वाले सैनिकों को जंग के मैदान में भेजने को क्यों मजबूर हुआ रूस?
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रूस का मकसद क्या था इस युद्ध को करने का, उसने शुरुआत से ही स्पष्ट किया था कि नाटो का नाम ना ले जेलेंस्की. वहां डीमिलिट्राइजेशन डीनाजिफिकेशन की तरह की चीजें कही गई थी. लेकिन इसी क्रम में रूस आखिर कीव की घेराबंदी करते हुए भी आगे बढ़ रहा था. जिसकी वजह से ये अटकलें भी लगीं कि शायद रूस कीव पर कब्जा कर के अपदस्थ कर देना चाहता है जेलेंस्की को. लेकिन हुआ इसका उलटा बूचा, इरिपन जैसे शहरों से रूस की सेना को हटना पड़ा और बेलारूस की सीमा में जाना पड़ा. क्या रूस ने ऐसा इसलिए किया कि ये उसकी रणनीति थी या फिर पश्चिमी देशों की रिपोर्ट्स के अनुसार रूस के सैनित हतोत्साहित होने लगे.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.