
Russia-Ukraine war: बढ़ने लगी न्यूक्लियर मिसाइलों और बमों की बिक्री, 10 साल में 73% बढ़ेगा बाजार
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2020 में न्यूक्लियर मिसाइलों और बमों के बाजार का साइज करीब 73 बिलियन डॉलर था. साल 2020 में कोविड-19 के कारण डिफेंस के बजट का साइज दुनिया भर में कम हो गया था. हालांकि जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, कई देशों ने अब डिफेंस पर ज्यादा जीडीपी खर्च करना शुरू कर दिया है.
दुनिया के सभी देश अपनी सुरक्षा पर जीडीपी (GDP) का बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं. खासकर युद्ध के खतरे से जूझ रहे देश सुरक्षा पर अधिक खर्च करते हैं. अभी पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद युद्ध का खतरा बढ़ गया है.
दूसरे विश्व युद्ध (2nd World War) के बाद पहली बार यूरोप इस कदर गंभीर संकट में फंसा है. इसके चलते कई देशों ने रक्षा खरीद बढ़ा दी है. हथियारों में भी न्यूक्लियर मिसाइलों और बमों की मांग तेज हुई है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, अचानक आई इस तेजी के चलते 10 साल के भीतर न्यूक्लियर मिसाइलों (Nuclear Missile) और बमों (Nuclear Bomb) का बाजार करीब 73 फीसदी बढ़कर 126 बिलियन डॉलर के पार निकल जाएगा.
2020 में इतना बड़ा था न्यूक्लियर बाजार
पोर्टलैंड स्थित रिसर्च कंपनी एलॉइड मार्केट रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में न्यूक्लियर मिसाइलों और बमों के बाजार का साइज करीब 73 बिलियन डॉलर था. साल 2020 में कोविड-19 के कारण डिफेंस के बजट का साइज दुनिया भर में कम हो गया था. हालांकि जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, कई देशों ने अब डिफेंस पर ज्यादा जीडीपी खर्च करना शुरू कर दिया है. इस कारण न्यूक्लियर मिसाइलों और बमों का बाजार अगले 10 साल में 72.6 फीसदी बड़ा हो सकता है.
भारत समेत इन देशों से आएगी डिमांड

साल 2023 में इसे डिफॉल्ट कर दिया गया. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा टैक्स छूट नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है. आप अन्य डिडक्शन का बेनिफिट उठा सकते हैं. सिर्फ सैलरीड ही नहीं, बल्कि अन्य लोग भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत एक्स्ट्रा डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.