![Russia-Ukraine War: काला सागर में जलता रूसी युद्धपोत बनेगा विश्व युद्ध की वजह?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202204/moskva-sixteen_nine.jpg)
Russia-Ukraine War: काला सागर में जलता रूसी युद्धपोत बनेगा विश्व युद्ध की वजह?
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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच अब कुछ भी हो सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह रूस के युद्धपोत मोस्कवा पर यूक्रेन की ओर से हमले का दावा. मोस्कवा नाम का ये युद्धपोत तबाह हो चुका है या नहीं? ये तो अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन दुनिया में विश्व युद्ध का खतरा पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ गया है.
रूस-यूक्रेन के 50वें दिन रूस का पराक्रमी जंगी युद्धपोत तबाह हो गया है. रूस का ये युद्धपोत काला सागर से यूक्रेन की जमीन पर मिसाइलों की बारिश कर रहा था. यूक्रेन का दावा है कि उसने नेप्चून मिसाइल का इस्तेमाल करके इस युद्धपोत को आग के शोले में बदल दिया. लेकिन रूस का दावा है कि किलर मिसाइलों से लैस इस युद्धपोत के गोला-बारूद में आग लग जाने की वजह से इसमें धमाका हुआ है और समय रहते उसने अपने सभी नौसैनिकों को युद्धपोत से निकाल लिया. बता दें कि मोस्कवा युद्धपोत समंदर से हमला करके रूस को जंग में बढ़त दिलाने का काम कर रहा था. दरअसल, फरवरी में जब जंग की शुरुआत हुई तो स्नेक आइलैंड से मोस्कवा से कई मिसाइलें दागी गई थीं. जिसके बाद से ये युद्धपोत यूक्रेन के निशाने पर था. इस युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए दावा है कि यूक्रेन ने मोस्कवा के रडार सिस्टम को धोखा दिया. इसके लिए तुर्की के बायरक्तार ड्रोन का सहारा लिया गया और मौका देखकर ओडेसा में छिपी यूक्रेन की सेना ने 2 नेप्चून मिसाइलों से इसका काम तमाम कर दिया.
#मोस्कवा रूस के महत्वपूर्ण युद्धपोत में से एक है: - इसकी लंबाई 600 फुट है.- युद्धपोत का वजन 12500 टन है. - 1979 में सेना में शामिल हुआ.- 500 सैनिक इस पर तैनात रहते हैं.- इस पर S-300 मिसाइल सिस्टम तैनात हैं.भड़क सकता कई गुना बड़ा युद्ध
मैक्सर टेक्नोलॉजी की तरफ से जारी सेटेलाइट तस्वीरों में 7 से 10 अप्रैल के बीच मोस्कवा की तैनाती सेवेस्तोपोल में देखी गई, जिसे यूक्रेन ने तबाह करके रूस को जंग के 50वें दिन बहुत बड़ा झटका दे दिया. जिसने एक बार फिर कीव में बड़े हमले के खतरे को पैदा कर दिया है. ब्लैक सी यानी काला सागर में तैनात मोस्कवा युद्धपोत की तबाही के बाद कीव में बहुत दिनों बाद हमले का सायरन बजा, जो बताता है कि यूक्रेन को भी लगता है कि रूस जल्द ही इस हमले का जवाब देगा. रूस ने इस हमले से पहले कहा भी है कि वो युद्ध की रणनीति बनाने वाले कमांड सेंटर्स पर हमला करेगा. कुल मिलाकर रूस-यूक्रेन युद्ध में आने वाले दिनों में पहले से कई गुना ज्यादा भड़क सकता है.
रूस की प्रतिष्ठा को नुकसान
मोस्कवा युद्धपोत को लेकर रूस भले ही कहे कि वो गोला बारूद में आग लगने से तबाह हुआ, लेकिन इसे नुकसान पहुंचने का सीधा मतलब रूस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचना है. इसलिए पलटवार करने का बड़ा दबाव रूस के ऊपर है, क्योंकि ये अब उसके लिए प्रतिष्ठा का सवाल हो चुका है. जानकार मानते हैं कि रूस के युद्धपोत को तबाह करने वाले यूक्रेन पर रूस अब और बड़े हथियारों से हमला कर सकता है, यानी इस जंग के अगले 50 दिनों में और बड़ी तबाही दुनिया को देखनी पड़ सकती है क्योंकि रूस केमिकल अटैक से लेकर एटमी वार करने में पूरी तरह सक्षम है.
रूसी रक्षा मंत्रालय का बड़ा बयान
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.