
Russia-Ukraine: जंग की आग में घी बनेगा बाइडेन का यूक्रेन बॉर्डर जाना! जानें क्यों मची दुनिया में हलचल
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सबसे बड़ी बात ये है कि 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नाटो समिट में हिस्सा लेने के लिए पोलैंड जा रहे हैं. युद्ध के दौरान इस दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने आने वाले दिनों को लेकर बड़ा संकेत दे दिया है. तो क्या बाइडेन की यूरोप यात्रा को विश्वयुद्ध की प्रस्तावना माना जाए, या फिर बाइडेन ने अपने पत्ते खोल दिए है और पुतिन पर दबाव बनने की रणनीति अपनाई है? दरअसल युद्धकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति का यूक्रेन बॉर्डर तक जाना, पुतिन को सीधा संदेश है कि वो यूक्रेन के साथ थे और आगे भी रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे, क्योंकि ये कमिटमेंट बाइडेन ने युद्ध शुरू होने के बाद ही कर दिया था.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.