Russia-Ukraine: जंग की आग में घी बनेगा बाइडेन का यूक्रेन बॉर्डर जाना! जानें क्यों मची दुनिया में हलचल
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सबसे बड़ी बात ये है कि 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नाटो समिट में हिस्सा लेने के लिए पोलैंड जा रहे हैं. युद्ध के दौरान इस दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने आने वाले दिनों को लेकर बड़ा संकेत दे दिया है. तो क्या बाइडेन की यूरोप यात्रा को विश्वयुद्ध की प्रस्तावना माना जाए, या फिर बाइडेन ने अपने पत्ते खोल दिए है और पुतिन पर दबाव बनने की रणनीति अपनाई है? दरअसल युद्धकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति का यूक्रेन बॉर्डर तक जाना, पुतिन को सीधा संदेश है कि वो यूक्रेन के साथ थे और आगे भी रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे, क्योंकि ये कमिटमेंट बाइडेन ने युद्ध शुरू होने के बाद ही कर दिया था.
यूक्रेन ने दावा किया कि रूस ने यूक्रेन पर इंटरकंटिनेंटल बेलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से हमला किया. रूस इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है. बड़ी बात ये है कि क्रेमलिन ने अपने विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता को इस बात की पुष्टि करने से मना कर दिया. लेकिन ये बातचीत लीक हो गई क्योंकि प्रवक्ता ने फ़ोन पर बात करते वक्त अपने माइक को ऑफ नहीं किया. हमारे पास इस बातचीत का पूरा वीडियो है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने पैसेंजर वैन पर बरसाईं गोलियां, हमले में 17 लोगों की मौत
आतंकी हमले में 10 लोगों की जान चली गई और एक पुलिस अधिकारी सहित दर्जनों लोग घायल हो गए. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी.
यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन हो चुके हैं और इस दौरान वहां से लाखों लोग विस्थापित होकर देश छोड़ चुके है. ये लोग यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं जिसमें मोल्दोवा, स्लोवाकिया, इटली, पोलैंड, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं. इस तरह पिछले ढाई सालों में यूक्रेन के लोग पूरे यूरोप में विस्थापित हो चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.