Raksha Sutra: इन दिनों में कलावा निकालना होता है बहुत अशुभ, जान लें रक्षा सूत्र से जुड़े ये अहम Rules
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यज्ञ, पूजन-पाठ, शुभ कार्य कलावे यानी कि रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) बांधे बिना संपन्न नहीं होते हैं. कलावा बांधने से कई फायदे होते हैं, लेकिन इसे सही तरीके से बांधना और सही दिन निकालना ही उचित होता है.
नई दिल्ली: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई चीजों के उपयोग का बड़ा महत्व है. इनमें से एक चीज है कलावा (Kalava). अक्सर पूजा-पाठ शुरू होते समय पंडित जी यजमान को कलावा बांधते हैं. इसके अलावा कुछ मंदिरों में भी भक्तों को कलावे बांधे जाते हैं. कलावा (Raksha Sutra) बांधने कई फायदे हैं लेकिन इसे बांधते और निकालते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. विभिन्न देवी-देवताओं (God-Goddess) के नाम के इन कलावों को बांधने से भगवान भक्त की संकटों से रक्षा करते हैं. इसके अलावा कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. व्यक्ति का मन शांत और केन्द्रित रहता है. इसके अलावा कलावा बांधने से वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है. इससे नसों पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण पुराने वैद्य हाथ, कमर, गले और पैर के अंगूठे पर कलावे बांधते थे.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.