PoK के शिया क्यों कहने लगे 'हमें भारत के साथ मिल जाने दो...'
AajTak
शिया धर्मगुरु आगा बाकिर अल-हुसैनी की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बल्तिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रदर्शनकारी उनकी रिहाई और काराकोरम राजमार्ग खोलने की मांग कर रहे हैं, हालात गृहयुद्ध वाले हैं और यहां के शिया भारत में विलय की बात कर रहे हैं.
पाकिस्तान का गिलगित-बल्तिस्तान उबाल मार रहा है. विरोध प्रदर्शन के नाम पर हज़ारों लोग सड़कों पर हैं. फिजा में चलो, चलो कारगिल चलो के नारे बुलंद हैं. विरोध के नाम पर जिस तरह लोग उग्र हैं, किसी भी क्षण वहां स्थिति गंभीर हो सकती है. सवाल होगा कि आखिर पाकिस्तान जैसे मुल्क के एक हिस्से में ऐसा क्या हुआ, जो वहां के लोग भारत में विलय होने की बात कह रहे हैं. जवाब है एक शिया धर्मगुरु की गिरफ़्तारी और वो सजा जो उसे पाकिस्तान के प्रचलित ईशनिंदा कानूनों के तहत हुई है. गिलगित के स्थानीय लोग शिया मौलवी की गिरफ्तारी से बेहद नाराज हैं जिसके मद्देनजर स्थानीय नेताओं ने पाकिस्तानी प्रशासन को गृहयुद्ध की चेतावनी दी है. वहीं कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने खुलकर भारत में विलय की मांग करनी शुरू कर दी है.
ध्यान रहे, शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मौलवी आगा बाकिर अल-हुसैनी पर एक धार्मिक सभा में उनकी टिप्पणियों को लेकर मामला दर्ज किया गया था. बाद में मौलवी को हिरासत में लिया गया जिसके बाद स्कर्दू के शिया समुदाय के लोग सड़कों पर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और नौबत हाई-वे जाम तक की आ गयी है.
क्या है पूरा मामला
अभी हालिया दिनों में पाकिस्तान की संसद में ईशनिंदा को लेकर एक बिल पास हुआ था. इस बिल के आने के बाद ही शिया मौलाना आगा बाकिर अल-हुसैनी पर एक एफआईआर होती है और कहा जाता है कि उन्होंने ईशनिंदा की है. इसके बाद गिलगित के पास स्थित जलास और द्यामर जो कि एक सुन्नी बाहुल्य क्षेत्र है वहां लोग शिया मौलवी के विरोध में सड़कों पर आते हैं.
वहीं पाकिस्तान के अपर कोहिस्तान के सुन्नी बहुल हिस्से में एक धरना प्रदर्शन होता है और मांग की जाती है कि शिया मौलाना आगा बाकिर अल-हुसैनी को फ़ौरन ही गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले. तब लोगों का ये भी कहना था कि यदि मौलाना गिरफ्तार नहीं होते हैं तो उग्र प्रदर्शन करते हुए सड़कों को बंद कर यातायात को बाधित किया जाएगा.
सुन्नी समुदाय की ये मांग शिया समुदाय को नागवार गुजरी और उन्होंने मौलाना की गिरफ्तारी के विरोध में स्कर्दू और आस पास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की और मुख्य हाई वे जाम कर दिया. बताया जा रहा है कि पूरे गिलगित-बल्तिस्तान के हालात बहुत जटिल हैं और ये विरोध प्रदर्शन किसी भी वक़्त एक बड़ी हिंसा का रूप ले सकता है, जिसका खामियाज़ा कई मासूम लोगों को भुगतना होगा.
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.