America: लॉस एंजिल्स के एक और जंगल में भड़की आग, धधक रहा 8000 एकड़ इलाका, 31 हजार लोगों का रेस्क्यू
AajTak
लॉस एंजिल्स में धधक रही ये आग कास्टेइक झील के पास के इलाके में लगी है. यह क्षेत्र उत्तर पश्चिमी लॉस एंजिल्स में स्थित है. आग ने 8 हजार एकड़ यानी 3,200 हेक्टेयर क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है. झील के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में एक बार फिर आग भड़क गई है, जिसके बाद हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेनी पड़ी है. अमेरिका के लिए यह चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि हाल ही में लॉस एंजिल्स में आग लगने की दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं.
लॉस एंजिल्स में धधक रही ये आग कास्टेइक झील के पास के इलाके के जंगल में लगी है. यह क्षेत्र उत्तर पश्चिमी लॉस एंजिल्स में स्थित है. आग ने 8 हजार एकड़ यानी 3,200 हेक्टेयर क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है. झील के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.
उठ रहा धुएं का विशाल गुबार
बताया जा रहा है कि लॉस एंजिल्स क्षेत्र में तेज और शुष्क सांता एना हवाएं चल रही हैं, जिसके कारण ही आग भड़की है. इसके कारण धुएं का विशाल गुबार उठ रहा है. आशंका है कि यह आग और ज्यादा बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले सकती है.
तुरंत इलाका खाली करने की अपील
आग जलने के बाद अपना सामान पैक कर रहे एक शख्स ने अमेरिकी मीडिया से कहा,'मैं बस यही प्रार्थना कर रहा हूं कि हमारा घर न जले.' लॉस एंजिल्स काउंटी के शेरिफ रॉबर्ट जेन्सन ने सभी लोगों से तुरंत इलाका खाली करके चले जाने का आग्रह किया है. बता दें कि इससे पहले लॉस एंजिल्स में लगी भीषण आग की चपेट में आने से हजारों घर तबाह हो चुके हैं. इतना ही नहीं 2 लाख लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा तो वहीं 27 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.