
PM मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से की बात, यूक्रेन दौरे को लेकर हुई चर्चा
AajTak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मंगलवार को फोन पर बात की. दोनों नेताओं के बीच रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को बताया कि भारत शांतिपूर्ण समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर बात हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मंगलवार को फोन पर बात की. दोनों नेताओं के बीच रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को बताया कि भारत शांतिपूर्ण समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है.
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर बात हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोस्ट कर बताया कि आज राष्ट्रपति पुतिन से बात हुई. विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की गई. रूस यूक्रेन युद्ध और मेरे हालिया यूक्रेन दौरे पर भी चर्चा हुई. रूस यूक्रेन युद्ध के स्थाई और शांतिपूर्ण समाधान का लेकर भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया.
बता दें कि इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच भी फोन वार्ता हुई थी. इस बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि पीएम मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई थी. लेकिन व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान पर इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में सिर्फ रूस यूक्रेन युद्ध का ही जिक्र किया गया.
23 अगस्त के पीएम मोदी के दौरे को कई मायनों में डिप्लोमैटिक बैलेंसिंग एक्ट के तौर पर देखा गया था क्योंकि पिछले महीने ही रूस जाकर राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के उनके कदम की वैश्विक स्तर पर खासी आलोचा हुई थी और पश्चिमी देशों को यह रास नहीं आया था.
इस दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करना चाहिए और इस शांति बहाली की प्रक्रिया में भारत सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.