Plasma Therapy: क्या कोरोना मरीजों की जान बचा सकती है प्लाज्मा थेरेपी? कौन कर सकता है डोनेट, जानें
Zee News
इन दिनों अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के साथ ही रिकवर हो चुके मरीजों के प्लाज्मा की भी मांग बढ़ गई है. तो आखिर प्लाज्मा थेरेपी क्या है और यह किस तरह से कोविड संक्रमित मरीज की मदद कर सकती है, यहां जानें.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस () के बढ़ते मामलों के बीच देश भर में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) और प्लाज्मा की मांग भी बढ़ गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि गंभीर मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी () से मदद मिल सकती है इसलिए कोरोना वायरस से रिकवर हुए मरीजों के प्लाज्मा की मांग भी बढ़ गई है. ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी क्या है, कोविड-19 के मरीजों (Covid-19 Patients) के लिए यह कैसे फायदेमंद हो सकता है और प्लाज्मा डोनेट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इन सभी के बारे में यहां जानें आसान भाषा में. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्लाज्मा, खून का तरल हिस्सा होता है, जिसमें लाल और सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होते हैं. कोरोना वायरस इंफेक्शन से रिकवर होने वाले मरीज का प्लाज्मा लेकर उसे कोविड-19 बीमारी से संक्रमित मरीज को दिया जाता है. प्लाज्मा में ही एंटीबॉडीज (Plasma has antibodies) होती हैं जो संक्रमित मरीज के इम्यून सिस्टम को इस जानलेवा बीमारी से लड़ने में मदद करती है. इससे संक्रमित मरीज के लक्षणों में कमी होने लगती है और मरीज की रिकवरी प्रक्रिया तेज (Speedy recovery) हो जाती है.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.