
Opec+ के फैसले से भारत को झटका, रूस बनेगा सहारा!
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ओपेक प्लस देशों ने अचानक से भारी मात्रा में तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की है. भारत अपनी जरूरतों का 80 फीसदी से भी ज्यादा कच्चा तेल आयात से ही पूरा करता है. ओपेक प्लस देशों की इस अप्रत्याशित कदम पर विश्लेषकों का कहना है कि इससे तेल की कीमतों में वृद्धि होगी.
सऊदी अरब और रूस समेत दुनिया के अन्य सभी ओपेक + देशों ने रविवार को अचानक से तेल उत्पादन में लगभग 16 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने की घोषणा की है. ओपेक के इस फैसले के तहत रूस 5 लाख बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन में कटौती करेगा.
ओपेक प्लस देशों की इस अप्रत्याशित कदम पर विश्लेषकों का कहना है कि इससे तेल की कीमत में वृद्धि होगी. वहीं, अमेरिका ने ओपेक प्लस के इस कदम को अनुचित बताया है.
चूंकि, भारत कुल जरूरत का 80 फीसदी से भी ज्यादा कच्चा तेल आयात से पूरा करता है. वैसे में जाहिर सी बात है कि इसका असर भारतीय तेल बाजार पर भी पड़ेगा.
रूस ही बनेगा भारत का सहारा
भारतीय तेल बाजार से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ओपेक+ की ओर से तेल उत्पादन में कटौती से भारत प्रभावित नहीं होगा. क्योंकि भारत रूस से तेल आयात और बढ़ा सकता है. वर्तमान में रूसी कच्चे तेल के भुगतान में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है.
अधिकारियों का कहना है कि ओपेक प्लस देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती से निपटने के लिए भारतीय रिफाइन कंपनियां पहले से तय की गई छूट पर रूसी तेल खरीदना जारी रखेंगे.

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