
Nepal प्लेन क्रैश में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत, मुक्तिनाथ मंदिर दर्शन करने जा रहा थे
AajTak
Nepal Plane Crash: हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में नेपाल के एक परिवार के 7 लोग भी शामिल हैं. सभी लोग धनुषा जिले की मिथिला नगरपालिका क्षेत्र के रहने वाले थे. यह परिवार पवित्र मुक्तिनाथ मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहा था.
नेपाल में हुए प्लेन क्रैश के कारण 22 लोगों की जिंदगी छीन गई. मरने वालों में 4 भारतीय, 2 जर्मन नागरिक और नेपाल के 13 लोग शामिल हैं. इनके अलावा 3 क्रू मेंबर्स ने भी इस हादसे में जान गंवाई है. हादसे में जान गंवाने वाले 13 नेपाली नागरिकों में से 7 एक ही परिवार के थे. यह परिवार पवित्र मुक्तिनाथ मंदिर दर्शन करने के लिए जा रहा था.
जानकारी के मुताबिक ये परिवार धनुषा जिले की मिथिला नगरपालिका क्षेत्र का रहने वाला था. मरने वालों में राजन कुमार गोले, उनके पिता इन्द्र बहादुर गोले, मां राममाया तामाड, काका पुरुषोत्तम गोले, काकी तुलसा देवी तामाड, मामा मकर बहादुर तामाड और मामी सुकुमाया तामाड शामिल हैं. इनके परिवार के सदस्यों ने ही इनके विमान में होने की पुष्टि की है. हादसे की खबर मिलने के बाद से उनका परिवार गमगीन है.
मुक्तिनाथ मंदिर की खासियत
यह मंदिर जोमसोम से 18 किलोमीटर दूर मस्टैंग जिले में स्थित है. मंदिर 3760 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे बड़े थोरुंग ला दर्रे में बना हुआ है. माना जाता है कि यह उन 8 पवित्र मंदिरों में से एक है, जिन्हें किसी ने बनाया नहीं, बल्कि ये अपने आप उत्पन्न हुए हैं. मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु को वृंदा के श्राप से मुक्ति मिली थी.
रविवार को हुए प्लेन क्रैश की पूरी टाइमलाइन
सुबह 9.53 बजे: प्लेन ने पोखरा से उड़ान भरी. इसे मुस्तांग के जोमसोम हवाई अड्डे पर उतरना था. यह सिर्फ 25 मिनट की उड़ान थी. यानी 10.18 बजे तक प्लेन को पहुंच जाना चाहिए था. मगर, उड़ान के 15 मिनट बाद एटीसी का संपर्क टूट गया.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.