NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ चौथी FIR, श्रीराम को लेकर दिया था विवादित बयान
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शरद पवार गुट के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन में ये मामला दर्ज हुआ है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 295(A) के तहत केस रजिस्टर्ड किया है. जितेंद्र आव्हाड ने हाल ही में भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था.
शरद पवार गुट के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन में ये मामला दर्ज हुआ है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 295(A) के तहत केस रजिस्टर्ड किया है. जितेंद्र आव्हाड ने हाल ही में भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था. ये चौथी FIR है जो जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ दर्ज हुई है.
'मैं बिना रिसर्च कुछ नहीं बोलता' बता दें कि भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले जितेंद्र आव्हाड ने हाल ही में माफी भी मांग ली है. उन्होंने कहा है कि कभी-कभी गलती हो जाती है. अपने बयान पर माफी मांगते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वह इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहते थे. लेकिन वाल्मिकी रामायण में कई कांड हैं, जिनमें अयोध्या कांड भी है. इसमें श्लोक नंबर 102 है, जिसमें इसका जिक्र है. आव्हाड ने कहा, 'मैं बिना रिसर्च कुछ नहीं बोलता. मैं मुद्दे को तूल नहीं देना चाहता, लेकिन अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं. मैं खेद व्यक्त करता हूं. कभी-कभी गलती हो जाती है.
क्या था बयान जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था. जितेंद्र आव्हाड ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि राम हमारे हैं और वह बहुजन हैं. राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे. वे शिकार करके खाते थे. उनके इस बयान को लेकर बीजेपी और अजित गुट के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी. अजित गुट की एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में आव्हाड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.
बीजेपी ने एनसीपी नेता पर साधा निशाना भगवान राम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि राजनीति के लिए ये बयानबाजी दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं महाराष्ट्र बीजेपी ने भी एनसीपी नेता के बयान पर पलटवार किया है. पार्टी की राज्य इकाई ने एक्स पर लिखा, 'जितेंद्र आव्हाड आपका सार्वजनिक विरोध! आपने आज भगवान रामचन्द्र को याद किया. आचरण और विचार की तरह ही उनके विचारों में भी राम की अपेक्षा रावण अधिक प्रमुखता से दिखाई देता है. हमें नहीं पता कि हिंदू देवताओं का अपमान करने में उन्हें कौन सी ख़ुशी मिलती है. झूठा और सुविधाजनक इतिहास लिखने की आप लोगों की पुरानी चाल को राम भक्त बर्दाश्त नहीं करेंगे. प्रभु श्री रामचन्द्र आपको अपने चरणों में सद्बुद्धि दें!"
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