
Nagpur Violence Timeline: एक अफवाह से बढ़ा तनाव, सड़कों पर उतरे सैकड़ों युवक और फूंक डालीं कारें, बाइक और एक क्रेन
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Nagpur Violence Update: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए किए गए प्रदर्शन के दौरान समुदाय विशेष की धार्मिक भावना को आहत किए जाने की अफवाह के बाद तनाव पैदा हो गया और कई जगहों पर आगजनी व पथराव की घटनाएं हुईं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी नागपुरवासियों से संयम बरतने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की.
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के आयोजन के बाद औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. इस घटना में 15 से अधिक पुलिसकर्मियों और 5-6 आम नागरिकों को चोट आई, जबकि 25 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.
घटनाक्रम की शुरुआत सुबह 7 से 9 बजे तक नागपुर के महल परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिवप्रेमियों ने शिवजयंती का कार्यक्रम आयोजित किया. यह आयोजन शांतिपूर्ण रहा. हालांकि, दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 40 से 50 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब के पुतले पर चादर ढंककर उसे आग के हवाले कर दिया.
अफवाहों से बढ़ा तनाव पुतले पर चादर जलाने की घटना के बाद दूसरे समुदाय के बीच यह अफवाह फैल गई कि यह चादर धार्मिक महत्व की थी. शाम 5 बजे के बाद इलाके में समुदाय विशेष के युवक जमा होने लगे. शाम 7 बजे तक सड़कों पर नारेबाजी शुरू हो गई और देखते ही देखते हजारों की संख्या में युवक सड़क पर उतर आए. इसके बाद पुलिस पर पथराव शुरू हो गया.
हिंसा भड़की, संपत्ति को नुकसान शाम 7:30 बजे के बाद हिंसा चरम पर पहुंच गई. उपद्रवियों ने लोगों की कारें, बाइक और एक क्रेन में आग लगा दी. कई घरों पर पथराव किया गया.
पुलिस पर भी हमला हुआ, जिसके जवाब में पहले लाठीचार्ज किया गया. हालात बेकाबू होने पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए. इस हिंसा में 15 से अधिक पुलिसकर्मियों और 5-6 आम नागरिकों को चोटें आईं.
पुलिस की कार्रवाई पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 25 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया. सायबर पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों की जांच शुरू की और 100 से अधिक संदिग्ध खातों की पड़ताल की जा रही है. कुछ वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

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