MP में जिले कितने हैं? सवाल पर हाथ जोड़ने लगीं पटवारी परीक्षा की टॉपर पूनम, कर रहीं जांच की मांग
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मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा में एक ही एग्जाम सेंटर से 10 में से 7 टॉपर आने के बाद से ही भर्ती प्रक्रिया की शुचिता सवालों के घेरे में आ गई है. इस बीच पटवारी परीक्षा की तीसरी रैंक की टॉपर पूनम रजावत से रिपोर्टर ने कुछ सवाल पूछे तो वो गोलमोल जवाब देने लगीं. जानिए- क्या है पूनम की मांग.
मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा ने एक बार फिर एक राज्य बोर्ड के परिणामों की याद दिला दी. उस परीक्षा के टॉपर्स भी आसान से आसान सवालों के जवाब नहीं जानते थे. कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया ग्वालियर की रहने वाली पूनम रजावत ने दी. पूनम ने पटवारी परीक्षा 177.40 अंकों से पास की और प्रदेश की तीसरे नंबर की टॉपर रही हैं. यह वही परीक्षा है जो अब तक हुए घटनाक्रम के बाद पूरी तरह सवालों में घिर चुकी है. यहां तक कि इस परीक्षा की छठे नंबर की टॉपर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है जिसमें वो मानती हैं कि हां मैंने 15 लाख रुपये दिए हैं.
इसी परीक्षा में थर्ड टॉपर रहीं पूनम रजावत लल्लनटॉप के एक वीडियो इंटरव्यू में मध्यप्रदेश से जुड़े आसान से सवालों के जवाब नहीं दे पाईं. इंटरव्यू की शुरुआत में पूनम कहती हैं कि जो लोग धांधली के आरोप लगा रहे हैं, उनसे मेरा कहना है कि पहले जांच कराइए, उसके बाद किसी पर उंगली उठाइए. पूनम ने बताया कि इतने सबके बाद घर में टेंशन वाला माहोल है. मैंने इतनी महेनत से तैयारी की. घर में हम तीन भाई बहन हैं, मैं ही मां को लेकर जाती रही इलाज कराने. तीन साल में इतनी मेहतन से तैयारी की, फिर भी इस तरह का इल्जाम लग रहा है.
पूनम ने कहा कि मेरे पिता सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हें, मां को कैंसर है, एक छोटी बहन एक छोटा भाई है. हमारे पास इतना पैसा नहीं है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन बैच लेकर विनर्स से तैयारी की. इसके अलावा एक डेढ़ साल स्थानीय दृष्टि आईएएस अकादमी से तैयारी की. रिपोर्टर ने जब उनसे पूछा कि पटवारी एग्जाम में कितने सब्जेक्ट होते हैं? इस सवाल के जवाब में भी वो सारे सब्जेक्ट दृढ़ता और कॉन्फीडेंस से नहीं बता पाईं.
पूनम ने पहले कहा कि टोटल आठ सब्जेक्ट होते हैं , हिंदी, इंग्लिश, मैनेजमेंट, जीएस, कंप्यूटर, मैथ्स, साइंस लेकिन फिर भी सभी सब्जेक्ट को लेकर वो स्पष्ट नहीं हो पाईं. उन्होंने बताया कि मेरा 18 मार्च को एग्जाम था, जो एनआरआई कॉलेज में हुआ था. रिपोर्टर ने कहा कि आपके बारे में सोशल मीडिया में चर्चा है कि जो बहुत से ऐसे सवाल जो आसान हैं, उनके जवाब गलत हैं. वहीं जो सवाल टफ हैं उनके जवाब आपने सही दिए हैं. इस पर उन्होंने कहा कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं. यही नहीं कुछ सवाल ऐसे थे ऑब्जेक्शन के बाद उन सवालों को हटा दिया, लेकिन पूनम ने उन्हें जब अटेंप्ट किया, उसमें वही ऑप्शन टिक था जो एग्जाम कराने वाली एजेंसी के अनुसार सही था. इस पर पूनम ने कहा कि ये मैं नहीं कह सकती, मेरे हिसाब से नहीं था. इस बारे में सरकार ही जवाब दे सकती है. पूनम ने कहा कि मैं नॉर्मल फैमिली से हूं, हमारे यहां सोशल मीडिया वगैरह कम यूज करते हैं. यही नहीं पूनम ने जिस कंपटीटिव एग्जाम में अपनी वेटिंग आने की बात कही, असल में उस परीक्षा में वेटिंग मिलता ही नहीं. पूनम ने बताया कि उन्होंने 12वीं की पढ़ाई सनराइज पब्लिक स्कूल से की. इसके बाद बीकॉम एमकॉम बीआरजी गर्ल्स कॉलेज से किया है
बेसिक सवालों के जवाब नहीं दे पाईं
15 लाख देकर नियुक्ति पाने के आरोप में पूनम ने कहा कि जिन पर पैसे देने का आरोप है. उनका बेसिक बैकग्राउंड चेक कराइए. अगर आपको लग रहा है कि फर्जी वाड़ा हुआ है तो कार्रवाई कीजिए. मैं चाहती हूं कि जांच हो जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. मेरे हिसाब से पहले जांच होनी चाहिए. जांच के आधार पर परीक्षा रद्द होनी या नहीं होनी चाहिए, ये फैसला हो. जिन बच्चों ने मेहनत से इसे पास किया है, उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. जिन्होंने किया है, उनकी जांच होनी चाहिए. रिपोर्टर ने जब उनसे आसान से जीएस के सवाल पूछने का अनुरोध किया तो पूनम ने साफ मना कर दिया. उनसे पूछा गया कि कौन सा नर्मदापुरम संभाग में है, ऑप्शन में कटनी, सिहौर, हरदा, रायसेन का नाम दिया गया. लेकिन इसका जवाब उन्हें पता ही नहीं था. मप्र में कितने संभाग हैं, कितने जिले हैं जैसे सवालों पर पूनम ने कहा कि अभी वो इस स्थिति में नहीं हैं. क्या ये सवाल वो बाद में कर सकते हैं. साथ ही कहा कि प्लीज ऐसे सवाल मत कीजिए.
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