MP गजब है, राज्य के 22 अस्पतालों में स्थाई रेजीडेंट के तौर पर एक ही डॉक्टर का नाम
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मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के पास नर्सिंग होम्स और अस्पतालों की जानकारी मौजूद है जिन्हें ऑपरेट करने के लिए पिछले एक साल में लाइसेंस दिए गए. भोपाल में पिछले साल 104 नर्सिंग होम्स और अस्पतालों को लाइसेंस दिए गए.
कोरोना महामारी की दस्तक के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल सैकड़ों नए अस्पताल शुरू किए जाने को हरी झंडी दिखाई. इनमें से अधिकतर अस्पतालों को मल्टी स्पेशिएलिटी का दर्जा दिया गया है, लेकिन इनके पास न तो जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स. आजतक के रियलिटी चेक में सामने आया कि कई अस्पतालों में स्थाई रेजीडेंट डाक्टर्स की नियुक्ति के नाम पर समान डॉक्टर्स के नाम दिखाए गए हैं. मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के पास नर्सिंग होम्स और अस्पतालों की जानकारी मौजूद है जिन्हें ऑपरेट करने के लिए पिछले एक साल में लाइसेंस दिए गए. भोपाल में पिछले साल 104 नर्सिंग होम्स और अस्पतालों को लाइसेंस दिए गए. इसी तरह इंदौर में 48, ग्वालियर में 116 और जबलपुर में 34 नर्सिंग होम्स-अस्पतालों को लाइसेंस मिले.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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