
Istanbul Blast: 8 साल में 16 बार धमाकों से दहला तुर्की, 400 से ज्यादा की गई जान, करीब 1000 लोग हुए घायल
AajTak
तुर्की के इस्तांबुल में रविवार को एक जोरदार धमाका हुआ. यह धमाका इस्तिकलाल में हुआ, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. 2016 में भी इसी इलाके में विस्फोट हुआ था. तब 5 लोगों की जान गई थी. तुर्की में पिछले कई सालों से लगातार आतंकी और उग्रवादी संगठन धमाके कर रहे हैं. पिछले 8 सालों में ऐसे ही धमाकों में 400 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.
तुर्की के शहर इस्तांबुल में रविवार को धमाका होने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 81 लोग जख्मी हो गए. विस्फोट के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. वही इस विस्फोट को लेकर किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक हमलावर ने कथित तौर पर नागरिकों से भरी सड़क के बीच में विस्फोटक से भरा एक बैग गिरा दिया और उसके जाने के कुछ मिनट बाद ही धमाका हो गया.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के किसी बड़े शहर में ऐसा धमाका कई सालों बाद हुआ है. हालांकि तुर्की में ऐसे विस्फोट पिछले की वर्षों से लगातार हो रहे हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट मानें में तुर्की में 2015 और 2017 के दौरान आईएसआईएल (आईएसआईएस) और प्रतिबंधित कुर्द समूहों ने कई घातक बम धमाके किए हैं. 2015 से अब तक कुल 8 सालों में तुर्की में 16 धमाके हो चुके हैं. इस विस्फोटों में सैकड़ों लोगों की जान भी जा चुकी हैं.
जानिए कब-कब कहां हुए ब्लास्ट, कितने हताहत हुए-
जुलाई 2015: सीरिया की सीमा से सटे दक्षिण-पूर्वी तुर्की शहर सुरुक में एक विस्फोट में कम से कम 30 लोग मारे गए थे जबकि करीब 100 घायल हो गए थे.
अगस्त 2015: इस्तांबुल के एक पुलिस थाने पर हुए बम हमले में पांच पुलिस अधिकारी और दो नागरिक घायल हो गए थे.
अक्टूबर 2015: तुर्की की राजधानी अंकारा के केंद्र में एक चौराहे पर दो विस्फोटों में कम से कम 95 लोग मारे गए था और लगभग 200 अन्य घायल हो गए थे.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.