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Israel Hamas War के बीच एक्शन मोड में अमेरिका, Syria पर बरसाए बम
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Israel Hamas War: अमेरिका ने सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया पर एयरस्ट्राइक की हैं. दरअसल, इराक और सीरिया में तैनात अमेरिका सैनिकों पर ईरान समर्थित ग्रुप लगातार हमले करते रहते हैं. इसके जवाब में अब अमेरिका भी एक्शन मोड में आ गया है.
इजरायल-हमास जंग के बीच अमेरिका भी एक्शन मोड में आ गया है. युद्ध में लगातार इजरायल की मदद कर रहे अमेरिका ने सीरिया में उन ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है, जहां ईरान समर्थिक ग्रुपों ने पनाह ली हुई है. जंग के बीच अमेरिका का यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है. क्योंकि, ईरान पर लगातार यह आरोप लगता रहा है कि वह इजरायल के खिलाफ जंग छेड़ने वाले हमास को फंडिंग करने के साथ-साथ दूसरी तरह से भी उसकी मदद भी करता रहता है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि एयरस्ट्राइक को सीरिया के अल्बु कमाल (Albu Kamal) और मयादीन (Mayadeen) शहर में अंजाम दिया गया. दरअसल, सीरिया के दीर अल जोर प्रांत में अल्बु कमाल के पश्चिमी इलाके में ईरानी समर्थक मिलिशिया एक आतंकी शिविर का संचालन कर रही थी. यहीं पर हमले को अंजाम दिया गया. इसके अलावा दूसरा अटैक मयादीन शहर के करीब एक पुल के नजदीक किया गया. ऑस्टिन ने यह भी कहा कि इस अटैक का आदेश सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिया था. उन्होंने यह भी कहा,'जो बाइडेन के लिए अमेरिकी सैन्य बलों की सुरक्षा के बढ़कर और कुछ नहीं है.
अमेरिकी सेना को निशाना बनाते है आतंकी
एजेंसी के मुताबिक सीरिया और इराक में ईरान समर्थिक मिलिशिया पर अमेरिका का यह तीसरा बड़ा हमला है. बता दें कि अमेरिका इन इलाकों में आतंकियों के ड्रोन और रॉकेट हमलों को कम करने की कोशिशों में लगा हुआ है. क्योंकि यहां आतंकी संगठन छोटे-छोटे हमले कर अमेरिका सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाते रहते हैं. ईरान समर्थित इन मिलिशिया गुटों का मानना है कि हमास के खिलाफ इजरायल की ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक के लिए अमेरिका जिम्मेदार है.
49 हमलों में घायल हुए 45 अमेरिकी सैनिक
पिछले कुछ हफ्तों में ईरान समर्थित मिलिशिया ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर करीब 40 बार हमले को अंजाम दिया है. इन हमलों में तकरीबन 45 अमेरिकी सैनिक बुरी तरह से घायल हुए हैं. दरअसल, सीरिया में अमेरिका के करीब 900 और इराक में करीब 2,500 से ज्यादा सैनिक तैनात हैं. इन्हें तब तैनात किया गया, जब इस्लामिक स्टेट यहां बड़े हिस्से को कब्जा करने के बाद हार गया था. अमेरिका सैन्य अधिकारियों का कहना है कि वह इस इलाके में दोबारा इस्लामिक स्टेट को बढ़ने से रोकना चाहते हैं.
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