IPS रश्मि शुक्ला की चिट्ठी में क्या है, जिसके बहाने फडणवीस साध रहे हैं महाराष्ट्र सरकार पर निशाना
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पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस मसले पर उद्धव सरकार को घेरा. इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने एक चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें राज्य में चल रही ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस मसले पर उद्धव सरकार को घेरा. इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने एक चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें राज्य में चल रही ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट का आरोप लगाया. देवेंद्र फडणवीस ने जिस चिट्ठी का जिक्र किया, वो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला द्वारा लिखी गई थी. इसी चिट्ठी में रश्मि शुक्ला ने पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया, सबूत के तौर पर कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही. ऐसे में रश्मि शुक्ला की जिस चिट्ठी को लेकर इतना बवाल हो रहा है आखिर उसमें उन्होंने क्या लिखा था, एक नज़र डालिए... महाराष्ट्र के इंटेलिजेंस विभाग में कमिश्नर रश्मि शुक्ला द्वारा ये चिट्ठी 25.08.2020 को लिखी गई थी. इस चिट्ठी में लिखा गया कि महाराष्ट्र के पुलिस विभाग में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को लेकर एक पर्दाफाश हुआ है, जिसमें राजनीतिक कनेक्शन वाले कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं. चिट्ठी में कहा गया, ‘आरोपों को पुख्ता रूप देने के लिए चिन्हित फोन नंबर की फोन कॉल को ट्रेस किया गया...इस पूरी प्रक्रिया के बाद ये सिद्ध हुआ है कि जो शक है वह पूरी तरह से सही है. कुछ ब्रोकर ताकतवर लोगों के संपर्क में है, जो इस काम को अंजाम दे रहे हैं. इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस अफसर से लेकर IPS तक की रैंक के अधिकारी अवांछित व्यक्तियों के संपर्क में थे.’मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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