Indian Railway: बड़े काम का है ट्रेन के कोच का रूफ वेंटिलेटर, न हों तो हो जाए बड़ा हादसा! जानें क्यों
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Rooftop Cap on Train Coach: ट्रेन के एसी कोच पूरी तरह से बंद होते हैं. इस कोच की सारी खिड़कियां पैक होती हैं और हवा बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता. ऐसे में अगर गर्म हवाओं के निकलने की जगह न हो तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
Indian Railway: ट्रेन में सफर के दौरान रेलवे से जुड़ी कई बातें जहन में आती हैं, जिनका जवाब यात्रियों के पास नहीं होता. यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे के सिस्टम में बदलाव किए जाते हैं. तकनीक के माध्यम से रेलवे सफर को बेहतर बनाने का प्रयास करता है. आमतौर पर आपने ट्रेन की छत पर ढक्कन या कैप लगा देखा होगा. इसे रूफ वेटिलेंटर कहते है, क्या आप जानते हैं यह किस लिए होती है.
दरअसल, बोगी में यह कैप न हो तो ट्रेन में आग लग सकती है. तो चलिए समझते हैं कि आखिर कैसे ये रूफ वेटिलेंटर पूरी ट्रेन के तापमान में संतुलन बनाए रखने का काम करता है. ट्रेन के एसी कोच पूरी तरह से बंद होते हैं, कोच की सारी खिड़कियां पैक होती हैं. ऐसे में हवा बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता. अगर गर्म हवाओं के निकलने के लिए कोई जगह न हो तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
इसीलिए कोच में हवाओं के वेंटिलेशन के लिए छत पर छेद वाली प्लेट्स लगी होती हैं. इसकी मदद से गरम हवाएं प्लेट्स से होते हुए रूफ वेंटीलेटर के रास्ते बाहर निकल जाती हैं. लोगो को गर्मी और सफोकेशन से बचाने के लिए इस तरह व्यवस्था को अपनाया गया है.
कोच में गर्मी अक्सर ज्यादा यात्रियों की वजह से होती है. ट्रेन के अंदर बढ़ने वाली गर्मी से यात्रियों को काफी दिक्कत हो सकती है. ऐसी परिस्थिति में स्वच्छ हवा का फ्लो बना रहे और कोच की गर्मी रूफ वेंटीलेटर के माध्यम से बाहर निकलती रहे. इसके लिए यह ढक्कन या कैप लगाए जाते हैं. इससे कोच के अंदर का तापमान बेहतर बना रहता है.
वहीं, इस वेंटीलेटर के ऊपर एक कैप भी लगा होता है. इसका ढक्कन बंद होने की वजह से बारिश का पानी कोचों के अंदर नहीं जाता और कोच के अंदर की गर्मी कोच की छत पर लगी प्लेटो के माध्यम से बाहर निकलती रहती है. बारिश के समय में भी ये रूफ वेंटिलेटर अद्भुत काम करता है.
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