Healthy Lungs: कोरोना की इस दूसरी लहर में फेफड़ों को कैसे रखें हेल्दी, इन उपायों को जरूर करें ट्राई
Zee News
कोरोना वायरस की यह दूसरी लहर भारत में प्रकोप की तरह तेजी से फैलती जा रही है. ऐसे समय में संक्रमित होने से बचने के लिए सभी सावधानियां बरतने के साथ ही अपने फेफड़ों को भी हेल्दी रखना जरूरी है ताकि आप किसी भी तरह के खतरे का सामना कर सकें.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर () का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इन दिनों देश भर के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है. कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 रेस्पिरेटरी यानी सांस से संबंधित बीमारी है (Respiratory infection) जिसका सीधा और सबसे ज्यादा असर आपके फेफड़ों पर पड़ता है. कोरोना की इस दूसरी लहर में भारत में ऑक्सीजन की कमी की वजह से ही ज्यादातर मरीजों की मौत हो रही है. ऐसे में अपने फेफड़ों को मजबूत बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है ताकि अगर आपको कोरोना का संक्रमण (Coronavirus infection) हो भी तब भी आप मजबूती से उसका सामना कर सकें. 1. स्मोकिंग से बचें या आदत बदलें- स्मोकिंग यानी धूम्रपान () करने से न सिर्फ फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है बल्कि अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियों का भी खतरा अधिक रहता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो स्मोकिंग करने वालों में कोविड-19 संक्रमण की वजह से गंभीर रूप से बीमार होने और मौत का खतरा अधिक होता है. लिहाजा कोरोना संक्रमण के इस समय में जहां तक संभव हो स्मोकिंग न करें.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.