GMR Group acquisition Hampshire Club: इस IPL टीम ने खरीदा अंग्रेजों का क्रिकेट क्लब, करोड़ों रुपए में हुई डील, पहली बार हुआ ऐसा...
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Delhi Capitals owner buys majority stake in Hampshire: इंग्लैंड का मशहूर क्रिकेट क्लब 'हैम्पशायर क्रिकेट काउंटी' बिक गया है. इसके लिए जीएमआर ग्रुप और हैम्पशायर के बीच डील फाइनल हो गई है. ध्यान रहे कि जीएमआर ग्रुप एक भारतीय कंपनी, जिसकी आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स में करीब 50 फीसदी की हिस्सेदारी है.
Hampshire cricket Club Sold: ...तो जीएमआर ग्रुप और हैम्पशायर काउंटी की डील फाइनल हो चुकी है. इंग्लैंड का मशहूर हैम्पशायर काउंटी विदेशी मालिकाना हक रखने वाला पहला क्रिकेट क्लब बन गया है. जो डील हुई उसके तहत जीएमआर ग्रुप की पैरेंट कंपनी जीजीपीएल को काउंटी की पैरेंट कंपनी हैम्पशायर स्पोर्ट्स में 53% हिस्सेदारी मिल गई है. वहीं आने वाले 2 सालों में जीएमआर ग्रुप क्लब का 100 फीसदी अधिग्रहण कर लेगा.
यहां यह बात नोटिस करने वाली है कि जीएमआर ग्रुप एक भारतीय कंपनी है, जिसकी आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स में 50 फीसदी हिस्सेदारी है. यहां खास बात यह है कि पहली बार किसी इंग्लिश क्रिकेट क्लब का अधिग्रहण भारतीय के कब्जे में आया है.
हैम्पशायर के पूर्व चैयरमैन रॉब ब्रैंसग्रोव द्वारा 60 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने के बाद यह ग्रुप क्लब में बहुमत वाला शेयरहोल्डर बन गया है. वहीं खबर यह भी कि इस डील के फाइनल होने में साउथ अफ्रीका में जन्में और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेले केविन पीटरसन का महत्वपूर्ण रोल रहा है.
जीएमआर ग्रुप को क्या फायदा होगा? गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक- करीब 13 अरब रुपए (£120 मिलियन) में यह डील हुई है. एक बार जीएमआर ग्रुप पूर्ण अधिग्रहण कर लेगा तो इंग्लैंड के रोजबाउल स्टेडियम का मालिकाना हक जीएमआर ग्रुप के पास आ जाएगा. इस स्टेडियम में ही साल 2021 का वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियशिप का फाइनल खेला गया था. 2011 के बाद से इस स्टेडियम में कुल 7 मैचों का आयोजन हो चुका है.
वहीं यहां सीमित ओवर्स के मैचों का भी आयोजन होता रहा है. इस क्रिकेट क्लब के पास ऑनसाइट एक होटल हिल्टन भी है, वहीं क्लब की प्रॉपर्टी में बाउंड्री लेक्स नामक गोल्फ कोर्स भी है, वहीं कई दूसरे प्रोजेक्ट भी हैं. जिससे जीएमआर ग्रुप को तगड़ा फायदा हो सकता है.
जीएमआर ग्रुप की यूएई लीग और अमेरिकी लीग भी है टीम जीएमआर ग्रुप का प्राथमिक रूप से इंफ्रास्टक्यर बिजनेस में रहा है, लेकिन साल 2008 में उसने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में में निवेश किया. जो उसका पहला बड़ा खेल निवेश था. वहीं 2018 में ग्रुप ने टीम के 50 शेयर जिंदल साउथ वेस्ट ग्रुप को ब्रिकी कर दिए.