
G7 देशों की चीन को दो टूक, यूक्रेन से युद्ध खत्म करने के लिए रूस पर बनाएं दबाव
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जापान के हिरोशिमा शहर में आयोजित G7 समिट के दूसरे दिन अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया है. इसमें चीन को दो टूक सुनाई गई है. जी-7 नेताओं ने चीन से कहा कि वो यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव डाले और ताइवान की स्थिति का सम्मान करे.
जापान के हिरोशिमा में शनिवार को ग्रुप ऑफ सेवन (G7) देशों ने साझा बयान जारी किया है. इस स्टेटमेंट में चीन का बिना नाम लिए सख्त तेवर दिखाए हैं और अपील की है कि वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने रणनीतिक साझेदार रूस पर दबाव बनाए. इसके साथ ही ताइवान को लेकर भी इशारों में संदेश दिया गया है. चीन से कहा गया है कि वो ताइवान की स्थिति का सम्मान करे.
बता दें कि जापान के हिरोशिमा में शुक्रवार से जी-7 समिट शुरू हो गया है. भारत जी-7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन पिछले कई सालों से लगातार भारत को इस समिट में गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है. 2019 के बाद से यह लगातार पांचवीं बार है, जब भारत को जी-7 समिट में बुलाया गया है. गेस्ट कंट्री के तौर पर भारत को सबसे पहले जी-7 समिट में फ्रांस ने 2003 में बुलाया था. उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पांच बार जी-7 की बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध से चुनौतियों से जूझ रही दुनिया
बताते चलें कि G7 के देश- अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने और चीन के साथ तनाव से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं. विशेष रूप से आर्थिक सुरक्षा और ताइवान के मसले पर, जिस पर चीन अपना दावा करता आया है.
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